मधेपुरा में घोषणा के दो साल बाद भी नहीं हुआ गोविन्द गणीनाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित

हलवाई समाज के कुल देवता श्री श्री 108 बाबा गोविन्द गणीनाथ मंदिर (पलवैया धाम) को राज्य सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा इस दिशा में सुध नहीं लिए जाने से पूरे प्रदेश के हलवाई समाज के लोग और अखिल भारतीय मध्यदैशीय वैश्य सभा के अध्यक्ष सीता राम साह ने मुख्य मंत्री, उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द घोषित कार्यो को कार्यान्वित करने का आग्रह किया है.

मालूम हो कि 7 सितंबर 2018 में पलवैया धाम स्थित बाबा गोविन्द गणीनाथ जयन्ती के अवसर पर शामिल हुए राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार और केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने पलवैया धाम को पर्यटक स्थल घोषित करते हुए धाम के सौन्दर्यीकरण हेतु शिलान्यास किया और पर्यटन विभाग से धाम को 7 करोड़ 62 लाख की राशि आवंटित किया लेकिन घोषणा के 22 माह बीतने के बाद भी पेलवैया धाम को सौन्दर्यीकरण के नाम पर न तो राशि अवांटित हुई और न ही सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई सुधी ली गयी है. जिसके कारण इस समाज के लोगों में भारी निराशा है.

इसी बावत पूरे प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय मध्यदैशीय वैश्य समाज के बाबा के भक्त जन सरकार के कानों तक उनकी घोषणा को याद दिलाने के लिए बुद्धि-शुद्धि हवन यज्ञ का आह्वान किया है.
प्रदेश अध्यक्ष श्री साह ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. मांग करने वालों में हरिश चन्द्र साह, जय किशोर साह, अशोक साह, गणपत साह, अर्जुन साह, शम्भू साह, राजेश साह, मनीष कुमार, उमेश साह, ई. भोला साह, गिरीश साह, घनश्याम साह, गणेश साह, सुकेश राणा, सुनील कुमार, हरि साह, आलोक कुमार, विनोद कुमार, प्रदीप कुमार, संजय कुमार सहित सैंकड़ों भक्तजन थे.
मधेपुरा में घोषणा के दो साल बाद भी नहीं हुआ गोविन्द गणीनाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित मधेपुरा में घोषणा के दो साल बाद भी नहीं हुआ गोविन्द गणीनाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 04, 2020 Rating: 5

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