सैलून, मॉल, होटल खुले तो कोचिंग क्यों नहीं?: कोचिंग संचालकों ने बिहार सरकार के दोहरी नीति पर खड़ा किया सवाल

मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित गौशाला के राधा कृष्ण मंदिर के प्रांगण में कोचिंग एसोसिएशन ऑफ मधेपुरा के बैनर तले एक बैठक रखा गया। जिसमें जिले भर के कोचिंग संचालकों ने बिहार सरकार के दोहरी नीति पर सवाल खड़ा किया. 

उन्होंने कहा कि अनलॉक प्रक्रिया में सैलून, मॉल, होटल, जूते-चप्पल की दुकान को खोल दिया गया है जहां कोरोना के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है , वहीं दूसरी और सभी तरह के शैक्षणिक संस्थानों को लगभग 4 महीनों से बंद रखा गया है जिससे सभी कोचिंग संचालकों एवं शिक्षकों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है । जल्द से जल्द सरकार सशर्त कोचिंग खोलने की अनुमति प्रदान करें या सरकार प्राइवेट टीचर के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा करें। इसके अलावा सभी कोचिंग संचालकों को रूम भारा एवं बिजली बिल माफ करने का आदेश जारी करें ताकि कोचिंग संचालकों एवं शिक्षकों की मानसिक एवं आर्थिक तंगी से निजात मिल सके। 

इस अवसर पर कोचिंग एसोसिएशन ऑफ मधेपुरा के अध्यक्ष कुंदन कुमार ने कहा कि लगातार लंबे समय से कोचिंग संस्थान बंद होने से छात्र एवं शिक्षक संशय की स्थिति में हैं कि यदि इसी तरह लगातार शैक्षणिक संस्थान को बंद रखा गया तो समय पर ना तो सिलेबस पूरा होगा ना ही छात्रों को अपने कक्षा का पूर्ण ज्ञान हो पाएगा । एसोसिएशन के अध्यक्ष  कुंदन कुमार  ने जानकारी देते हुए कहा कि बहुत जल्द एसोसिएशन में छूटे सदस्य को सदस्यता अभियान चलाकर संगठन से जोड़ा जा रहा है। 

इस अवसर पर मनोरंजन कुमार, आदर्श कुमार ,रणधीर कुमार, रतन ,ब्रजेश ,हृदय नारायण, मुकेश, विकास, राजन, मिथिलेश, भूषण, प्रदीप, विवेक, चंदन, गुंजन, गुलशन, शत्रुघ्न , रिंकू, अजय, नंदन, रघुवीर, पुरुषोत्तम, अभय, वीरेंद्र, आशीष सत्यार्थी,  अरविन्द दास ,सागर, सुनील ,परवेज, ओमप्रकाश एवं 5 दर्जन से अधिक शिक्षक गण मौजूद थे।
सैलून, मॉल, होटल खुले तो कोचिंग क्यों नहीं?: कोचिंग संचालकों ने बिहार सरकार के दोहरी नीति पर खड़ा किया सवाल सैलून, मॉल, होटल खुले तो कोचिंग क्यों नहीं?: कोचिंग संचालकों ने बिहार सरकार के दोहरी नीति पर खड़ा किया सवाल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 09, 2020 Rating: 5

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