मुरलीगंज में 70 दिनों के बाद बाजार में लौटी रौनक, लोग बिना मास्क के दुकानों एवं सड़कों पर दिखे बेखौफ
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में करीब 70 दिनों के बाद मुरलीगंज बाजार के लगभग सभी दुकाने मंगलवार को खुल गई और धीरे-धीरे बाजार में लोगों की भीड़ भाड़ दिखने लगी.
गौरतलब हो कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया था. लॉक डाउन को पालन कराने के लिए लोगों को जागरूक भी किया गया तो वहीं पुलिस प्रशासन के द्वारा सख्ती भी बरती गई थी. हालांकि लॉकडाउन के चौथे चरण के समापन और अनलॉक के प्रथम चरण में 1 जून से ही मुरलीगंज बाजार के होटल और ढाबे छोड़कर बाकी की सभी दुकाने खुल गई थी.
बाजार खुलने से रौनक तो लौट आई, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग को लोग भूल गये. बाजार खुलने के साथ ही बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखने को नहीं मिली. सोमवार को दिन के 10:00 बजे बाजारों में काफी चहल-पहल नजर आई. मुरलीगंज गोल बाजार में कपड़ों से लेकर ज्वैलरी तक की एक साइड की सभी दुकानें खुल गई थी. इसके अलावे श्रृंगार की दुकानें भी खोली गई. दुकानों पर लोगों की काफी भीड़ नजर आ रही थी. बाजार में वाहनों की काफी आवाजाही हो रही थी. 09:30 बजे यहां रेडीमेड गारमेंटस, कपड़ा, जनरल स्टोर आदि के साथ-साथ कुछ खाद्यान्न की दुकानें भी खुली रहीं. इनमें ज्यादातर दुकानें लंबे लॉकडाउन के बाद खुली थीं. बाजार खोलकर व्यापार को बढ़ाने का प्रयास तो किया गया, मगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नजर नहीं आया, जिससे संक्रमण का खतरा और मंडराता हुआ नजर आया.
वहीं आज मंगलवार को बाजार में लगभग सभी प्रकार की दुकानें खुल गयी. लोग खरीदारी में लगे हुए थे. हालांकि कुछ बुद्धिजीवी वर्गों ने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले लगातार बढ़ रहे हैं और ऐसे में दी जा रही छूट से कोरोना संक्रमण का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि करीब 70 दिनों के बाद जब बाजार खुली तो लोग खरीदारी करने के लिए बाजार में टूट पड़े हैं. हालांकि सरकार के द्वारा लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन करने व मास्क का प्रयोग करने के लिए कहा गया है लेकिन लोग इस तरह लापरवाह बने हुए हैं और बिना किसी सोशल डिस्टेंस की दुकानों पर लग रही भीड़ कोरोना संक्रमण के खतरे को आमंत्रण दे रही है.
गौरतलब हो कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया था. लॉक डाउन को पालन कराने के लिए लोगों को जागरूक भी किया गया तो वहीं पुलिस प्रशासन के द्वारा सख्ती भी बरती गई थी. हालांकि लॉकडाउन के चौथे चरण के समापन और अनलॉक के प्रथम चरण में 1 जून से ही मुरलीगंज बाजार के होटल और ढाबे छोड़कर बाकी की सभी दुकाने खुल गई थी.
बाजार खुलने से रौनक तो लौट आई, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग को लोग भूल गये. बाजार खुलने के साथ ही बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखने को नहीं मिली. सोमवार को दिन के 10:00 बजे बाजारों में काफी चहल-पहल नजर आई. मुरलीगंज गोल बाजार में कपड़ों से लेकर ज्वैलरी तक की एक साइड की सभी दुकानें खुल गई थी. इसके अलावे श्रृंगार की दुकानें भी खोली गई. दुकानों पर लोगों की काफी भीड़ नजर आ रही थी. बाजार में वाहनों की काफी आवाजाही हो रही थी. 09:30 बजे यहां रेडीमेड गारमेंटस, कपड़ा, जनरल स्टोर आदि के साथ-साथ कुछ खाद्यान्न की दुकानें भी खुली रहीं. इनमें ज्यादातर दुकानें लंबे लॉकडाउन के बाद खुली थीं. बाजार खोलकर व्यापार को बढ़ाने का प्रयास तो किया गया, मगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नजर नहीं आया, जिससे संक्रमण का खतरा और मंडराता हुआ नजर आया.
वहीं आज मंगलवार को बाजार में लगभग सभी प्रकार की दुकानें खुल गयी. लोग खरीदारी में लगे हुए थे. हालांकि कुछ बुद्धिजीवी वर्गों ने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले लगातार बढ़ रहे हैं और ऐसे में दी जा रही छूट से कोरोना संक्रमण का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि करीब 70 दिनों के बाद जब बाजार खुली तो लोग खरीदारी करने के लिए बाजार में टूट पड़े हैं. हालांकि सरकार के द्वारा लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन करने व मास्क का प्रयोग करने के लिए कहा गया है लेकिन लोग इस तरह लापरवाह बने हुए हैं और बिना किसी सोशल डिस्टेंस की दुकानों पर लग रही भीड़ कोरोना संक्रमण के खतरे को आमंत्रण दे रही है.
मुरलीगंज में 70 दिनों के बाद बाजार में लौटी रौनक, लोग बिना मास्क के दुकानों एवं सड़कों पर दिखे बेखौफ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 02, 2020
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