मधेपुरा के कई शिक्षकों का यहाँ की शिक्षा के स्तर को उठाने में बड़ा योगदान रहा है और बहुत सारे ऐसे शिक्षक हैं जिनके छात्र आज देश-दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं. एक ऐसे ही शिक्षक का नागेन्द्र बाबू आज निधन यहाँ के शिक्षा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है.
मधेपुरा नगर परिषद, वार्ड नं-14 के निवासी और रासबिहारी उच्च विद्यालय के अवकाश प्राप्त 80 वर्षीय शिक्षक रमेश चंद्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू का आज उनके निज आवास पर देहांत हो गया.
निधन की खबर सुनकर स्थानीय पार्षद सह सशक्त स्थाई कमिटी सदस्य रेखा यादव, पूर्व पार्षद सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके आवास पर पहुंचकर परिजनों से भेंट मुलाकात कर सांत्वना दिए.
मौके पर पार्षद रेखा यादव ने बताया कि स्व. रमेश चंद्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू हमेशा से सादा जीवन व्यतीत करते आए एवं समाज में शिक्षा के प्रति लोगों में एक अलग ही रुचि पैदा करवाई. उनके निधन से शिक्षा जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है. जिसकी भरपाई असंभव है.
वहीं पूर्व पार्षद ध्यानी यादव ने बताया कि नागेन्द्र बाबू जीवन पर्यन्त ईमानदारी से शिक्षादान करने वाले हमारे गुरुदेव और गार्जियन नागेंद्र बाबू आज दुनियां छोड़कर चल बसे. लगता है एक युग का अंत हो गया. नागेंद्र बाबू जब तक सेवा में रहे ईमानदारी से कार्य किये और सेवानिवृत्त होने के बाद ताउम्र घर पर रहकर शिक्षादान करते रहे. इनकी कमी हमेशा खलती रहेगी. वे बीमार रहते हुए भी बच्चों को अंग्रेजी समेत अन्य विषय पढ़ाते थे और शिक्षा के प्रति उनको जागरूक करते थे.
इनके निधनोपरांत बी.एन.एम.यू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. नवीन कुमार, शिक्षक बिनोद यादव, प्राणमोहन यादव, बलभद्र यादव सहित कई अन्य सांत्वना देने पहुंचे. अपने पीछे नागेन्द्र बाबू तीन पुत्र छोड़ गए हैं. (नि. सं.)
मधेपुरा नगर परिषद, वार्ड नं-14 के निवासी और रासबिहारी उच्च विद्यालय के अवकाश प्राप्त 80 वर्षीय शिक्षक रमेश चंद्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू का आज उनके निज आवास पर देहांत हो गया.
निधन की खबर सुनकर स्थानीय पार्षद सह सशक्त स्थाई कमिटी सदस्य रेखा यादव, पूर्व पार्षद सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके आवास पर पहुंचकर परिजनों से भेंट मुलाकात कर सांत्वना दिए.
मौके पर पार्षद रेखा यादव ने बताया कि स्व. रमेश चंद्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू हमेशा से सादा जीवन व्यतीत करते आए एवं समाज में शिक्षा के प्रति लोगों में एक अलग ही रुचि पैदा करवाई. उनके निधन से शिक्षा जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है. जिसकी भरपाई असंभव है.
वहीं पूर्व पार्षद ध्यानी यादव ने बताया कि नागेन्द्र बाबू जीवन पर्यन्त ईमानदारी से शिक्षादान करने वाले हमारे गुरुदेव और गार्जियन नागेंद्र बाबू आज दुनियां छोड़कर चल बसे. लगता है एक युग का अंत हो गया. नागेंद्र बाबू जब तक सेवा में रहे ईमानदारी से कार्य किये और सेवानिवृत्त होने के बाद ताउम्र घर पर रहकर शिक्षादान करते रहे. इनकी कमी हमेशा खलती रहेगी. वे बीमार रहते हुए भी बच्चों को अंग्रेजी समेत अन्य विषय पढ़ाते थे और शिक्षा के प्रति उनको जागरूक करते थे.
इनके निधनोपरांत बी.एन.एम.यू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. नवीन कुमार, शिक्षक बिनोद यादव, प्राणमोहन यादव, बलभद्र यादव सहित कई अन्य सांत्वना देने पहुंचे. अपने पीछे नागेन्द्र बाबू तीन पुत्र छोड़ गए हैं. (नि. सं.)
मधेपुरा के अत्यंत लोकप्रिय रहे शिक्षक रमेश चंद्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू नहीं रहे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 13, 2020
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