
जहां मधेपुरा टाइम्स की टीम ने पड़ताल किया तो चित्ती गांव के समीप सुपौल जिला भतरंधा गांव के समीप सहरसा एवं पथराहा चौक के समीप सहरसा जिला का बॉर्डर होने के कारण सुपौल एवं सहरसा से कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को रोकथाम और दूसरे राज्यों से आ रहे अप्रवासी मजदूर व अन्य लोगों का धड़ल्ले से सीमा पार कर आना जारी है.
अगर इस दिशा में प्रशासन ने ठोस पहल नहीं की तो बड़ा संकट आ सकता है. जिला सीमा पर कोई प्रशासनिक सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण धड़ल्ले से सीमा पार कर दूसरे जिला से लोग आ रहे हैं, साथ ही स्क्रीन और मेडिकल जांच करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती भी है. ये लापरवाही जानलेवा साबित हो सकते है. इस संबंध में थाना अध्यक्ष प्रमोद प्रसाद ने बताया की इस तरह का कोई आदेश नहीं है.
वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने बताया कि हम लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर बाहर से आए हुए लोगों का जांच करने का निर्देश हैं ना की कोई बॉर्डर पर अपने टीम को रखने का.
वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने बताया कि अपने क्षेत्र में ऐसा कोई बॉर्डर चिन्हित नहीं है जहां विभागीय सुविधा एवं डॉक्टर उपलब्ध कराने का है.
इस बॉर्डर से अप्रवासी मजदूर व अन्य लोगों का धड़ल्ले से है आना-जाना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 31, 2020
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