मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 70 विद्यालयों में कार्यरत कुल 262 नियोजित शिक्षकों द्वारा राज्य संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण प्रखंड के लगभग 15000 बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
17 फरवरी से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल से जहां शिक्षा का हाल बेहाल हो गया प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पूरे प्रखंड क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालय मिलाकर 70 विद्यालय हैं. जिसमें नियमित मात्र 60 शिक्षक हैं, उसमें भी शिक्षक को परीक्षा ड्यूटी में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल में नियमित शिक्षकों द्वारा भी नैतिक समर्थन दिया जा रहा है. वेतनमान शिक्षकों की मौजूदगी वाले विद्यालयों में बच्चे कोलाहल करते नजर आए. नियमित शिक्षकों ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. वहीँ जिस विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति दिख भी रही है वहां शिक्षकों को ठहराव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से विद्यालयों को मध्यान्ह भोजन का संचालन ठप है. कई विद्यालय में ताले लटके थे।
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग सहित विभिन्न मांगों को लेकर 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की लिखित सूचना वीडियो राघवेन्द्र शर्मा को दे चुका था। वहीं शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर चंदू ने बताया कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है यह हड़ताल जारी रहेगा ।
17 फरवरी से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल से जहां शिक्षा का हाल बेहाल हो गया प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पूरे प्रखंड क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालय मिलाकर 70 विद्यालय हैं. जिसमें नियमित मात्र 60 शिक्षक हैं, उसमें भी शिक्षक को परीक्षा ड्यूटी में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल में नियमित शिक्षकों द्वारा भी नैतिक समर्थन दिया जा रहा है. वेतनमान शिक्षकों की मौजूदगी वाले विद्यालयों में बच्चे कोलाहल करते नजर आए. नियमित शिक्षकों ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. वहीँ जिस विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति दिख भी रही है वहां शिक्षकों को ठहराव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से विद्यालयों को मध्यान्ह भोजन का संचालन ठप है. कई विद्यालय में ताले लटके थे।
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग सहित विभिन्न मांगों को लेकर 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की लिखित सूचना वीडियो राघवेन्द्र शर्मा को दे चुका था। वहीं शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर चंदू ने बताया कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है यह हड़ताल जारी रहेगा ।
बच्चों का भविष्य अधर में: नियोजित शिक्षकों के हड़ताल से कई विद्यालयों में दिखा असर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 18, 2020
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