मनाई गई के पी महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 118वीं पुण्यतिथि


मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में अवस्थित के पी महाविद्यालय के प्रांगण में आज शनिवार को संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 118वीं  पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई गई.


इस अवसर पर बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रति कुलपति डॉ फारुख अली सीसीडीसी बीएन मंडल विश्वविद्यालय डॉ भवानंद झा एवं लल्लन प्रसाद अद्री विकास पदाधिकारी एवं अभय कुमार कॉलेज के पूर्व सचिव एवं कमलेश जी बाबू के पौत्र आनंद कुमार आमंत्रित किए गए थे। व्यस्त कार्यक्रम होने के कारण बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं पहुंच सके थे.

कार्यक्रम बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर फारुख अली एवं विश्वविद्यालय से आए पदाधिकारियों के माल्यार्पण के उपरांत प्रारंभ हुआ । 

इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक शिक्षक एवं वर्तमान प्रधानाचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक एवं शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों द्वारा माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई। प्रो डॉ राजीव कुमार मल्लिक विकास पदाधिकारी लल्लन प्रसाद अद्री अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया तो प्रो महेंद्र मंडल ने प्रति कुलपति को अंग वस्त्र से सम्मानित किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के रंगमंच पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सांस्कृतिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों के स्वागत में गुलशन कुमार ने स्वागत गान गाकर अतिथियों का स्वागत किया वहीं उनके साथ तबले पर संगत सनोज कुमार ने किया. वहीं अंजना झा ने "तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे गाकर अतिथियों को मंत्र मुक्त कर दिया. गायक राजीव तोमर की प्रस्तुति भी अद्भुत रही.
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की एवं मंच संचालन का काम सेवानिवृत्त हिंदी विभाग के प्राध्यापक प्रोफेसर अरविन्द लाल दास ने किया । 

के पी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक ने अपने संबोधन में कहा कि श्री कमलेश्वरी बाबू का सपना था आजादी के बाद इस पिछड़े क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षित हो. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने यहां महाविद्यालय की स्थापना की और काफी हद तक 1965 से लेकर अब तक इस क्षेत्र के छात्र-छात्राएं आकर शिक्षा ग्रहण करते रहे.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रति कुलपति डॉक्टर फारुख अली ने कहा कि बहुत ही उच्च कोटि के विचार रखने वाले व्यक्ति थे कमलेश्वरी बाबू जिन्होंने इस पिछड़े क्षेत्र में ज्ञान के प्रकाश को फैलाने के लिए महाविद्यालय की स्थापना की. आज के मंच से उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अब शिक्षकों की कमी नहीं है. छात्र कक्षा में आए और महाविद्यालय में वर्ग कार्य का संचालन हो । उन्होंने कहा कि जिस समय मई 2017 में उन्होंने इस विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण किया था पढ़ाई की सत्र 2 से 3 साल पीछे चल रही थी और हमने सत्र नियमितीकरण के लिए अब तक 190 परीक्षाएं संचालित की 32 महीनों में हमारी सभी परीक्षाएं 2 से 3 महीने में नियमित हो जाएगी और अब हम 75% उपस्थिति की जो बाध्यता है, छात्रों द्वारा संचालित वर्ग में जब 75% उपस्थिति होगी तब ही उन्हें परीक्षा प्रपत्र भरने की अनुमति दी जाएगी। बीपीएससी से आए शिक्षकों से अनुरोध किया कि वह वर्ग संचालन एवं छात्र छात्राओं को महाविद्यालय आने के लिए प्रेरित करें क्योंकि अब शिक्षकों की कमी नहीं है अतिथि शिक्षक भी आ गए हैं।

महाविद्यालय के संस्थापक शिक्षक सेवानिवृत्त प्रोफेसर नगेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि 30 जुलाई 1965 को मात्र 6 शिक्षकों ने इस महाविद्यालय की स्थापना में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था. इतिहास विभाग में प्रो नगेंद्र प्रसाद यादव ,अर्थशास्त्र विभाग में प्रो त्रिवेणी प्रसाद साह, अंग्रेजी विभाग में प्रो डीएन राम, मैथिली में डॉ बालखण्डी झा, और दर्शनशास्त्र में प्रो श्याम नारायण प्रसाद राजनीति शास्त्र में प्रो चिदानंद यादव. छात्रों की कम उपस्थिति पर उन्होंने गंभीर चिंता जताई और प्रति कुलपति महोदय से अनुरोध किया कि वे इस दिशा में 75% का नियमावली है। उसे सख्ती के साथ विश्वविद्यालय में लागू करें।

मौके पर महाविद्यालय परिवार के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मी महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक, प्रोफेसर महेंद्र मंडल, डॉ सुशांत सिंह, डॉक्टर अली अहमद मंसूरी, डॉ विजय पटेल, डॉ शिवा शर्मा, डॉ संजय कुमार, त्रिदेव निराला, डॉ रविंद्र कुमार, डॉक्टर प्रतीक कुमार, डॉ चंद्रशेखर आजाद, अमरेश कुमार, दीपक कुमार, सिकंदर कुमार, रितु रत्नम, ए के मिश्रा एवं शिक्षकेतर कर्मी आदि मौजूद थे।
मनाई गई के पी महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 118वीं पुण्यतिथि मनाई गई के पी महाविद्यालय के संस्थापक कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 118वीं पुण्यतिथि Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 04, 2020 Rating: 5

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