मधेपुरा के घैलाढ़ प्रखंड क्ष्रेत्र के ग्रामीण विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत पौष्टिक व रुचिकर आहार परोसे जाने के महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लगा हुआ है, नतीजन हर शुक्रवार को मध्याह्न भोजन में बच्चों को दिया जाने वाला पौष्टिक आहार अंडा की बात छोड़ दीजिए खाना भी गायब है.
शुक्रवार को भतरंधा परमानपुर पंचायत के हरिजन प्राथमिक विद्यालय परमानपुर में देखने को मिला. जहाँ विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षक मौजूद थे. 15 से 20 बच्चे उपस्थित थे, जबकि स्कूल में नामांकित 200 बच्चे हैं. वहीं बच्चों की गलत उपस्थिति दर्शा कर मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में कटौती कर सरकारी धनराशि की लूट खसोट की जा रही है, इतना ही नहीं प्रत्येक शुक्रवार को विद्यालय के द्वारा उपस्थित बच्चों को पौष्टिक आहार के नाम पर मौसमी फल और अंडा देने का प्रावधान है किंतु विद्यालय प्रधान के द्वारा पौष्टिक आहार के नाम पर बच्चों को अंडे तो अंडे भोजन तक प्रदान नहीं किये जा रहे हैं.
वहीं प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर बताया कि गैस चूल्हा का बर्नर टूट जाने के कारण मध्यान्ह भोजन नहीं बन पाया है. अंडे के बारे में पूछे जाने पर बताया कि अभी नहीं लाए हैं. अचरज की बात है कि यह सब कुछ जानते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग के अभाव में शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर रही है. कार्रवाई करने के बदले उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं. वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि यह गंभीर मामला है, जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी.

शुक्रवार को भतरंधा परमानपुर पंचायत के हरिजन प्राथमिक विद्यालय परमानपुर में देखने को मिला. जहाँ विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षक मौजूद थे. 15 से 20 बच्चे उपस्थित थे, जबकि स्कूल में नामांकित 200 बच्चे हैं. वहीं बच्चों की गलत उपस्थिति दर्शा कर मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में कटौती कर सरकारी धनराशि की लूट खसोट की जा रही है, इतना ही नहीं प्रत्येक शुक्रवार को विद्यालय के द्वारा उपस्थित बच्चों को पौष्टिक आहार के नाम पर मौसमी फल और अंडा देने का प्रावधान है किंतु विद्यालय प्रधान के द्वारा पौष्टिक आहार के नाम पर बच्चों को अंडे तो अंडे भोजन तक प्रदान नहीं किये जा रहे हैं.
वहीं प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर बताया कि गैस चूल्हा का बर्नर टूट जाने के कारण मध्यान्ह भोजन नहीं बन पाया है. अंडे के बारे में पूछे जाने पर बताया कि अभी नहीं लाए हैं. अचरज की बात है कि यह सब कुछ जानते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग के अभाव में शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर रही है. कार्रवाई करने के बदले उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं. वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि यह गंभीर मामला है, जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी.

मधेपुरा में स्कूली बच्चे को नहीं दिए जा रहे हैं मौसमी फल व अंडे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 13, 2019
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December 13, 2019
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