
जिसमें हिन्दुस्तान के बड़े बडे उलमाए कराम कोलकाता से आए मौलाना सोहराब साहब , मुंगेर के मौलाना सगीर अहमद साहब रहमानी, हजरत मौलाना मुफ्ती साहब, हजरत मुफ्ती असलम साहब, चतुर्वेदी हजरत मौलाना मुफ्ती सादुन नजीब साहब, मौलाना मुफ्ती अब्दुल कैयूम, मौलाना मुफ्ती दिलशाद साहब, मौलाना शमशेर साहब, जलालगंजी ने कॉन्फ्रेंस में अपनी अपनी बातें रखी।
इंसानियत कॉन्फ्रेंस का आगाज कुरान के तिलावत से किया गया। मौके पर मौलवी अताउल्लाह अता व फिरोज जख्मी ने उर्दू,अरबी जुबान में नातिया कलाम, शेरो शायरी से कॉन्फ्रेंस में उपस्थित लोगो के दिलो खुश कर दिया । कोलकाता से आए मौलाना सोहराब साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि शरियत की हिफाजत करना होगा। इस्लाम धर्म मुल्क में सभी धर्म के लोगों को अमन चैन से रहने की इजाजत देता है ।
मुल्क में अमन चैन शरियत की हिफाजत के लिए दुआ मांगी गई । उन्होंने कहा कि इल्म रोशनी है और इल्म (शिक्षा) के बगैर पूरी जिन्दगी अंधेरे जैसा लगता है । हर किसी को शिक्षा पाने की जरूरत है । ताकि सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके ।
कार्यक्रम का आयोजन रहटा घड़दौल के ग्रामीणों के सौजन्य से किया गया। आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति के हाजी कासिम खान, हाजी तालिब हुसैन, मौलाना फिरोज सबीली, मोहम्मद नासिर, अब्दुल वहाब, मोहम्मद ईशा, मोहम्मद जहांगीर , मौलाना इसराइल, जब्बार नदाफ, मोहम्मद जहान नदाफ अनवर खान, जुबेर शोहराब, हारून नदाफ, वली आजम, मोहम्मद अनवर सहित ग्रामीणों की योगदान सराहनीय रहा.
(मीना कुमारी | मधेपुरा टाइम्स )
'इस्लाम सभी धर्म के लोगों को अमन से रहने की देता है इजाजत': पयामे इंसानियत कॉन्फ्रेंस का आयोजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 28, 2019
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