मधेपुरा के पेट्रोल पंप डकैती कांड को पुलिस द्वारा लूट कांड के तहत् मामला दर्ज करने पर पंप के मालिक ने पुलिस की कार्यशैली पर आक्रोश जताया है. एस.पी. ने मामले की जांच करने की बात कही है.
मालूम हो कि गुरूवार की रात एन.एच. 107 मघेपुरा - सहरसा पथ पर स्थित मनीषा पेट्रोल पंप पर पांच की संख्या में नकाबपोश, हथियारों से लैश बदमाशों ने हमला कर पंप कर्मीयों को हथियार के बल पर मारपीट कर पंप के मैनेजर और नोजल मैन से 38 हजार रूपये लेकर भाग निकले. इस बावत पंप मैनेजर ब्रजेश कुमार ने सदर थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराया. पुलिस ने घटना को लूट मानते हुए मामला दर्ज किया. दर्ज मामले की प्रति मिलते ही पंप के मालिक ने पुलिस पर आक्रोश जताया है. घटना डाका से जुड़ा था लेकिन थानाध्यक्ष ने लूट की घटना में मामला दर्ज किया. जबकि पंप मालिक द्वारा फुटेज भी पुलिस को सौंपा गया है.
उन्होंने कहा कि खुद थानाध्यक्ष ने पंप पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरा का फुटेज देखा, जिसमें पांच नकाबपोश बदमाश घटना में शामिल थे और पंप कर्मियों को पीट रहे थे. बदमाशों ने कैस और मोबाइल सब छीन लिया. जबकि थानाध्यक्ष जानते हैं कि पंप पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रसाद यादव, नगर परिषद अध्यक्ष सुधा देवी और पुलिस निरीक्षक मनोज यादव के परिवार का पंप है, फिर भी थानाध्यक्ष ने डकैती की घटना को लूट का मामला बताकर दर्ज किया. यह चिन्ता का विषय है कि आम लोगों के मामले में क्या होता होगा.
सदर थाना पुलिस का मानना है कि आवेदन में बदमाशों की संख्या चार बताया गया है. पुलिस सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार घटना में चार से अधिक संख्या में बदमाशों के रहने पर घटना डकैती माना जाता है, उससे कम रहने पर लूट माना जाता है. इस बावत एस.पी. संजय कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी, मामले के अनुसंधान में मामला अगर सही पाया जाता है तो धारा को परिवर्तित किया जायेगा.

मालूम हो कि गुरूवार की रात एन.एच. 107 मघेपुरा - सहरसा पथ पर स्थित मनीषा पेट्रोल पंप पर पांच की संख्या में नकाबपोश, हथियारों से लैश बदमाशों ने हमला कर पंप कर्मीयों को हथियार के बल पर मारपीट कर पंप के मैनेजर और नोजल मैन से 38 हजार रूपये लेकर भाग निकले. इस बावत पंप मैनेजर ब्रजेश कुमार ने सदर थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराया. पुलिस ने घटना को लूट मानते हुए मामला दर्ज किया. दर्ज मामले की प्रति मिलते ही पंप के मालिक ने पुलिस पर आक्रोश जताया है. घटना डाका से जुड़ा था लेकिन थानाध्यक्ष ने लूट की घटना में मामला दर्ज किया. जबकि पंप मालिक द्वारा फुटेज भी पुलिस को सौंपा गया है.
उन्होंने कहा कि खुद थानाध्यक्ष ने पंप पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरा का फुटेज देखा, जिसमें पांच नकाबपोश बदमाश घटना में शामिल थे और पंप कर्मियों को पीट रहे थे. बदमाशों ने कैस और मोबाइल सब छीन लिया. जबकि थानाध्यक्ष जानते हैं कि पंप पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रसाद यादव, नगर परिषद अध्यक्ष सुधा देवी और पुलिस निरीक्षक मनोज यादव के परिवार का पंप है, फिर भी थानाध्यक्ष ने डकैती की घटना को लूट का मामला बताकर दर्ज किया. यह चिन्ता का विषय है कि आम लोगों के मामले में क्या होता होगा.
सदर थाना पुलिस का मानना है कि आवेदन में बदमाशों की संख्या चार बताया गया है. पुलिस सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार घटना में चार से अधिक संख्या में बदमाशों के रहने पर घटना डकैती माना जाता है, उससे कम रहने पर लूट माना जाता है. इस बावत एस.पी. संजय कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी, मामले के अनुसंधान में मामला अगर सही पाया जाता है तो धारा को परिवर्तित किया जायेगा.

डकैती की घटना को लूट कांड में दर्ज करने पर पंप मालिक ने उठाई आपत्ति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 24, 2019
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