मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के अर्रहा महुआ दीघरा पंचायत के सबैला चौक समीप वार्ड नंबर 16 निवासी दीपक कुमार की करीब डेढ़ वर्षीया बेटी चांदनी कुमारी की मौत चमकी बुखार से हो गई.
मृत बच्ची के दादा दिनेश यादव ने बताया कि मेरी पोती 1 वर्ष 8 माह की थी. जन्म से ही पैर से विकलांग व दिमाग से भी विकलांग होने के कारण बोल नहीं सकती थी. इलाज दिल्ली एम्स हॉस्पिटल से चल रहा था । उन्होंने बताया कि शनिवार के दिन मेरी पोती चांदनी को अचानक तेज बुखार आया जिसमें शरीर का सारा अंग चमक (तेज कम्पन) रहा था. जिससे हम परिजन परेशान हो गए इलाज के लिए निकट के झोलाछाप डॉक्टर से उपचार करवाया लेकिन सुधार नहीं होने पर बेहतर इलाज के लिए पैसे जुटाकर बाहर के हॉस्पिटल जाने वाले थे कि तब तक मेरी बच्ची दम तोड़ चुकी थी.
इसकी जानकारी जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी घैलाढ़ डॉ ललन कुमार को मिली तो मंगलवार के दिन मृत बच्ची के परिजन के घर मेडिकल दस्ता भेजवा कर घटना की जानकारी ली तथा इर्द गिर्द के लोगों को इकट्ठा कर मेडिकल टीम ने अपील कर कहा कि इस तरह के चमकी बुखार वाले मरीज की जानकारी हम लोगों तक अवश्य दें एवं अस्पताल जरूर लावे ताकि सही ढंग से उपचार हो सके और मरीज की जान बच सके. वहीं डॉ संजय कुमार मिश्र ने लोगों के बीच चमकी बुखार जैसे आने वाली बीमारी के लक्षण तथा उनसे बचाव की उपाय के बारे में भी जानकारी दी.
डॉक्टर ने बताया कि चमकी बुखार से संबंधित किसी भी तरह की लक्षण हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र,आंगनवाड़ी सेविका एवम आशा कार्यकर्ता को सूचित अवश्य करें ताकि इन लक्षणों के मरीज को सही उपचार मिल सके. उधर स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने बताया कि बुखार से लड़ने वाली सभी तरह की दवा उपलब्ध है. इस तरह के मरीज आने पर तुरंत डॉक्टरों द्वारा सही उपचार किया जाएगा. मौके पर डॉ अरुण कुमार महतो, केयर इंडिया के प्रबंधक सोनी गांधी, डाटा ऑपरेटर विनोद कुमार आदि मौजूद थे.
मृत बच्ची के दादा दिनेश यादव ने बताया कि मेरी पोती 1 वर्ष 8 माह की थी. जन्म से ही पैर से विकलांग व दिमाग से भी विकलांग होने के कारण बोल नहीं सकती थी. इलाज दिल्ली एम्स हॉस्पिटल से चल रहा था । उन्होंने बताया कि शनिवार के दिन मेरी पोती चांदनी को अचानक तेज बुखार आया जिसमें शरीर का सारा अंग चमक (तेज कम्पन) रहा था. जिससे हम परिजन परेशान हो गए इलाज के लिए निकट के झोलाछाप डॉक्टर से उपचार करवाया लेकिन सुधार नहीं होने पर बेहतर इलाज के लिए पैसे जुटाकर बाहर के हॉस्पिटल जाने वाले थे कि तब तक मेरी बच्ची दम तोड़ चुकी थी.
इसकी जानकारी जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी घैलाढ़ डॉ ललन कुमार को मिली तो मंगलवार के दिन मृत बच्ची के परिजन के घर मेडिकल दस्ता भेजवा कर घटना की जानकारी ली तथा इर्द गिर्द के लोगों को इकट्ठा कर मेडिकल टीम ने अपील कर कहा कि इस तरह के चमकी बुखार वाले मरीज की जानकारी हम लोगों तक अवश्य दें एवं अस्पताल जरूर लावे ताकि सही ढंग से उपचार हो सके और मरीज की जान बच सके. वहीं डॉ संजय कुमार मिश्र ने लोगों के बीच चमकी बुखार जैसे आने वाली बीमारी के लक्षण तथा उनसे बचाव की उपाय के बारे में भी जानकारी दी.
डॉक्टर ने बताया कि चमकी बुखार से संबंधित किसी भी तरह की लक्षण हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र,आंगनवाड़ी सेविका एवम आशा कार्यकर्ता को सूचित अवश्य करें ताकि इन लक्षणों के मरीज को सही उपचार मिल सके. उधर स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने बताया कि बुखार से लड़ने वाली सभी तरह की दवा उपलब्ध है. इस तरह के मरीज आने पर तुरंत डॉक्टरों द्वारा सही उपचार किया जाएगा. मौके पर डॉ अरुण कुमार महतो, केयर इंडिया के प्रबंधक सोनी गांधी, डाटा ऑपरेटर विनोद कुमार आदि मौजूद थे.
लगातार शिकार: चमकी बुखार से एक बच्ची की मौत, पहुंचा मेडिकल दस्ता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 18, 2019
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