सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के मनमानी पर धार्मिक न्यास पर्षद ने लगाया अंकुश: अब होगी मवेशी हाट की खुली बंदोबस्ती
मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर मवेशी हाट मंदिर न्यास की आय का बड़ा श्रोत है। लेकिन कई वर्षों से इस हाट की बंदोबस्ती न्यास समिति द्वारा गुपचुप तरीके से अपने एक मनचाहे संवेदक को दिया जा रहा था।
लेकिन अब इस अनियमितता और मनमानी पर न्यास पर्षद ने रोक लगा कर नियमित बंदोबस्ती का आदेश दिया है।
मंदिर न्यास समिति गत नौ वर्षो से एक ही संवेदक को मवेशी हाट की बंदोबस्ती दे रही है। पिछली बार तो न्यास समिति के सचिव सह अनुमंडलाधिकारी ने सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर उसी संवेदक को एक के बदले तीन वर्षों के लिये एक मुश्त बंदोबस्त कर दिया था । लिहाजा प्रतिद्वंदी संवेदकों ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में शिकायत की। धार्मिक न्यास पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष संजय कुमार ने फौरन आदेश देकर इसे नियम विरुद्ध बताकर बंदोबस्ती निरस्त करने का आदेश दिया था। फिर उच्च न्यायालय ने भी उस बंदोबस्ती को अवैध करार देते हुए संवेदक का वाद खारिज कर दिया था। लेकिन न्यास पर्षद के बार बार निर्देश को न्यास समिति के कतिपय सदस्यों के सहयोग से दबाया जाता रहा।
लेकिन अब जब निर्धारित तीन वर्ष की अवधि बीतने पर हुई कि अनुमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर गुपचुप तरीके से सदस्यों ने पुनः उसी संवेदक को तीन वर्षों के लिए मवेशी हाट बंदोबस्त करने का निर्णय लिया था।
इसके विरोध में शिवाशीष आनंद और संतोष कुमार सिंह ने पुनः न्यास पर्षद के प्रशासक सह राज्य के विधि सचिव अखिलेश जैन का दरवाजा खटखटाया था।पर्षद ने इस आवेदन को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि मात्र एक वर्ष की अवधि के लिए ही मवेशी हाट की खुली बंदोबस्ती की जाय और सबसे अधिक बोली लगाने वाले को ही बंदोबस्ती की जाय। बंदोबस्ती की सारी प्रक्रिया की विडीयोग्राफी भी करवाई जाए ताकि कोई अनियमितता न हो सके।
लेकिन अब इस अनियमितता और मनमानी पर न्यास पर्षद ने रोक लगा कर नियमित बंदोबस्ती का आदेश दिया है।
मंदिर न्यास समिति गत नौ वर्षो से एक ही संवेदक को मवेशी हाट की बंदोबस्ती दे रही है। पिछली बार तो न्यास समिति के सचिव सह अनुमंडलाधिकारी ने सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर उसी संवेदक को एक के बदले तीन वर्षों के लिये एक मुश्त बंदोबस्त कर दिया था । लिहाजा प्रतिद्वंदी संवेदकों ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में शिकायत की। धार्मिक न्यास पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष संजय कुमार ने फौरन आदेश देकर इसे नियम विरुद्ध बताकर बंदोबस्ती निरस्त करने का आदेश दिया था। फिर उच्च न्यायालय ने भी उस बंदोबस्ती को अवैध करार देते हुए संवेदक का वाद खारिज कर दिया था। लेकिन न्यास पर्षद के बार बार निर्देश को न्यास समिति के कतिपय सदस्यों के सहयोग से दबाया जाता रहा।
लेकिन अब जब निर्धारित तीन वर्ष की अवधि बीतने पर हुई कि अनुमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर गुपचुप तरीके से सदस्यों ने पुनः उसी संवेदक को तीन वर्षों के लिए मवेशी हाट बंदोबस्त करने का निर्णय लिया था।
इसके विरोध में शिवाशीष आनंद और संतोष कुमार सिंह ने पुनः न्यास पर्षद के प्रशासक सह राज्य के विधि सचिव अखिलेश जैन का दरवाजा खटखटाया था।पर्षद ने इस आवेदन को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि मात्र एक वर्ष की अवधि के लिए ही मवेशी हाट की खुली बंदोबस्ती की जाय और सबसे अधिक बोली लगाने वाले को ही बंदोबस्ती की जाय। बंदोबस्ती की सारी प्रक्रिया की विडीयोग्राफी भी करवाई जाए ताकि कोई अनियमितता न हो सके।
सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के मनमानी पर धार्मिक न्यास पर्षद ने लगाया अंकुश: अब होगी मवेशी हाट की खुली बंदोबस्ती
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 30, 2019
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