किसानों ने दी विद्युत रेल इंजन कारखाना गेट में ताला जड़कर कारखाना बंद कराने की धमकी

मधेपुरा में किसानों ने जमीन के लंबित मुआवजे का  बकाया भुगतान समेत विद्युत रेल इंजन कारखाना में नौकरी की मांग को लेकर रेल इंजन कारखाना गेट के बाहर एक दिवसीय भूख हड़ताल किया. 


उन्होंने मांग पूरी नहीं होने के बाद किसानों ने विद्युत रेल इंजन कारखाना गेट में ताला जड़कर कारखाना बंद करने की दी धमकी.

दरअसल जिले के सुखासन चकला गाँव के सैकड़ों किसानों ने तीन वर्ष पूर्व विद्युत रेल कारखाना हेतु भारत सरकार को अपनी-अपनी निजी जमीन दी है. कहा गया कि एवज में सरकार को चार गुने दर पर जमीन का मुआवजा और प्रत्येक परिवार के एक लोगों को कारखाना में नौकरी देने की बात थी. लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी दर्जनों किसानों को अब तक लंबित बकाया भुगतान की राशि नहीं मिली है. और न ही किसी भी किसान के परिजनों को नौकरी ही दी गई है. इन तमाम मांगों को लेकर आज आक्रोशित सैकड़ों किसानों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रेल प्रशासन एंव फ्रांस की आलस्टोम कंपनी प्रबंधन के विरुद्ध जमकर की नारेबाजी. किसानों की माने तो जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक रेल प्रशासन और फ्रांस के आलस्टोम कंपनी के विरुद्ध चलता रहेगा आन्दोलन. आक्रोशित किसानों ने अपनी मांग को लेकर कहा कि प्रथम चरण में हम लोगों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रेल प्रशासन समेत सरकार को आगाह कर रहे हैं .अगर इससे भी नहीं बनी बात तो रेल इंजन कारखाना के गेट में ताला जड़कर करेंगें अनिश्चित कालीन उग्र प्रदर्शन और कारखाना को बंद करने की प्रक्रिया. 

वहीँ बिहार सरकार के स्थानीय सीओ बिरेन्द्र कुमार झा ने बताया कि इन किसानों की मांग जायज है बहरहाल किसान शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन कर रहे हैं .हालाँकि मधेपुरा टाइम्स के एक सवाल पर सीओ ने बताया कि अधिकांश किसानों की लंबित भुगतान कर दी गयी है कुछ शेष बचे किसानों की बकाया भुगतान लंबित है तत्काल रेलवे प्रशासन एंव भारत सरकार से राशि प्राप्त नहीं हुई है जैसे हीं राशि प्राप्त हो जाती है जल्द भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर समस्याओं का निदान कर लिया जाएगा.

जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 के दौरान तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मधेपुरा के स्थानीय लोगों को दिया था विद्युत रेल इंजन कारखाना का तोहफा ताकि स्थानीय लोगों को जिले में ही नौकरी मिल सके और जिले से बाहर नौकरी को लेकर इन्हें पलायन नहीं करना पड़े. हालाँकि घोषणा के कई वर्षों बाद वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2017 तक विद्युत रेल इंजन कारखाना हेतु जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत प्रथम चरण में किसानों से 11 सौ एकड़ जमीन ली गयी थी. बाद में रेल प्रशासन ने मात्र 300 एकड़ जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर विद्युत रेल इंजन कारखाना का निर्माण कार्य पूर्ण करवाया. इसके बाद वर्ष 2018 में मेकिंग इंडिया के तहत रेल इंजन कारखाना का उद्घाटन देश के पीएम मोदी ने की और मधेपुरा भारत हीं नहीं रुष जर्मनी फ्रांस जैसे कई देशों के फेहरिस्त में शामिल हो गया. 

इतना हीं नहीं वर्ष 2018 के दौरान हीं मधेपुरा में देश का सबसे बड़ा  शक्तिशाली विद्युत रेल इंजन बनकर तैयार हो गया और अब कारखाना में दूसरी और तीसरी इंजन की भी निर्माण कार्य चल रहा है .लेकिन आज तक किसानों को लंबित बकाया भुगतान की राशि नहीं मिल पाई है. 

बहरहाल किसानों के प्रति सरकार की बे-रुखी कहें या सरकारी सिस्टम की लापरवाही इन तमाम मामले के बीच पिस रहे हैं स्थानीय किसान और किसान हो रहे हैं खासे परेशान. अब देखना है कि इन किसानों को कबतक न्याय मिल पाता है. 

किसानों ने दी विद्युत रेल इंजन कारखाना गेट में ताला जड़कर कारखाना बंद कराने की धमकी किसानों ने दी विद्युत रेल इंजन कारखाना गेट में ताला जड़कर कारखाना बंद कराने की धमकी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 10, 2019 Rating: 5

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