मधेपुरा जिले के पुरैनी में मंगलवार की सुबह प्रसव के बाद हुई एक महिला की मौत के बाद परिजनो व ग्रामीणों के द्वारा जहां चिकित्सक व एएनएम पर लापारवाही बरतने का आरोप लगाकर पूरे दिन जमकर बवाल काटा गया ।
इस दौरान परिजनो ने एक स्वास्थ्य कर्मी की जमकर धुनाई भी कर दी। मामले को देखकर जहां चिकित्सा प्रभारी सहित चिकित्सक व अन्य कर्मी कमरे में पूरे दिन बंद पड़े रहे वहीं पूरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। पुरैनी थाना के अलावे इन्सपेक्टर सहित आलमनगर थानाध्यक्ष भी अपने पुलिस बल के साथ पहुंचे । अहले सुबह से पंचायत के मुखिया और जिप प्रतिनिधि व अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे । सुबह 9 बजे से संध्या बेला तक हाइवोल्टेज ड्रामा चलता रहा और मृत महिला का शव वार्ड में पड़ा रहा । देर संध्या में स्थानीय विधायक सह पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव एवं अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन भी पहूंचकर परिजनो को समझाने की कोशिश किये । परिजन कुछ शांत हुए लेकिन शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और शव को लेकर परिजन चले गये।
परिजन सहित ग्रामीण चिकित्सा पदाधिकारी की तबादले की मांग कर रहे थे । अनुमंडल पदाधिकारी जब पहुंचे तब जाकर सभी चिकित्सक और कर्मी बंद कमरे से बाहर निकले। वहीं बुधवार को चिकित्सा पदाधिकारी सहित सभी कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ताला जड़कर चले गये।
इस बाबत पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे माहौल में काम करने को कोई भी कर्मी तैयार नही है, इसलिए ताला जड़कर सभी मधेपुरा सिविल सर्जन के पास आए है।
बहरहाल जो भी हो लचर स्वास्थ्य सुविधा उसपर से चिकित्सको की मनमानी के सामने आमजन नतमस्तक है । अगर विरोध करे तो डाक्टर हड़ताल पर नही करे तो कोई सुनने को तैयार नही ।
क्या था मामला ?
पुरैनी थानाक्षेत्र के चटनमा निवासी रामप्रवेश यादव की पत्नी नीलम देवी (उम्र 30 वर्ष) को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने सोमवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार की सुबह करीब पौने नौ बजे उसने एक पुत्र को जन्म दिया। जन्म के करीब घंटेभर के अंदर जननी महिला की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली उनलोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों को आरोप था कि चिकित्सकों व नर्सो की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हुई हैं। परिजनों के अनुसार चिकित्सक ड्यूटी में तैनात चिकित्सक व नर्स ने उनके मरीजों की देख-भाल ठीक ढंग से नहीं किया गया। यदि समय से चिकित्सकों की उपस्थिति मे उनके मरीज का प्रसव कराया गया होता तो शायद जननी महिला की मौत नहीं हो पाती।
अपनी व्यक्तिगत जागीर समझकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ताला जड़कर सभी चिकित्सक एएनएम और सभी स्टाफ गायब रहे और पूरे दिन स्वास्थ्य सेवा पूर्णतः ठप रही। एक तो लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और डाक्टरो की लापरवाही से गरीबो की जान जाती है ऊपर से विरोध करने पर डाक्टर आंदोलन को उतर आते है. भगवान् बचाए ऐसे डॉक्टरों से.
इस दौरान परिजनो ने एक स्वास्थ्य कर्मी की जमकर धुनाई भी कर दी। मामले को देखकर जहां चिकित्सा प्रभारी सहित चिकित्सक व अन्य कर्मी कमरे में पूरे दिन बंद पड़े रहे वहीं पूरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। पुरैनी थाना के अलावे इन्सपेक्टर सहित आलमनगर थानाध्यक्ष भी अपने पुलिस बल के साथ पहुंचे । अहले सुबह से पंचायत के मुखिया और जिप प्रतिनिधि व अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे । सुबह 9 बजे से संध्या बेला तक हाइवोल्टेज ड्रामा चलता रहा और मृत महिला का शव वार्ड में पड़ा रहा । देर संध्या में स्थानीय विधायक सह पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव एवं अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन भी पहूंचकर परिजनो को समझाने की कोशिश किये । परिजन कुछ शांत हुए लेकिन शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और शव को लेकर परिजन चले गये।
परिजन सहित ग्रामीण चिकित्सा पदाधिकारी की तबादले की मांग कर रहे थे । अनुमंडल पदाधिकारी जब पहुंचे तब जाकर सभी चिकित्सक और कर्मी बंद कमरे से बाहर निकले। वहीं बुधवार को चिकित्सा पदाधिकारी सहित सभी कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ताला जड़कर चले गये।
इस बाबत पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे माहौल में काम करने को कोई भी कर्मी तैयार नही है, इसलिए ताला जड़कर सभी मधेपुरा सिविल सर्जन के पास आए है।
बहरहाल जो भी हो लचर स्वास्थ्य सुविधा उसपर से चिकित्सको की मनमानी के सामने आमजन नतमस्तक है । अगर विरोध करे तो डाक्टर हड़ताल पर नही करे तो कोई सुनने को तैयार नही ।
क्या था मामला ?
पुरैनी थानाक्षेत्र के चटनमा निवासी रामप्रवेश यादव की पत्नी नीलम देवी (उम्र 30 वर्ष) को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने सोमवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार की सुबह करीब पौने नौ बजे उसने एक पुत्र को जन्म दिया। जन्म के करीब घंटेभर के अंदर जननी महिला की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली उनलोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों को आरोप था कि चिकित्सकों व नर्सो की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हुई हैं। परिजनों के अनुसार चिकित्सक ड्यूटी में तैनात चिकित्सक व नर्स ने उनके मरीजों की देख-भाल ठीक ढंग से नहीं किया गया। यदि समय से चिकित्सकों की उपस्थिति मे उनके मरीज का प्रसव कराया गया होता तो शायद जननी महिला की मौत नहीं हो पाती।
अपनी व्यक्तिगत जागीर समझकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ताला जड़कर सभी चिकित्सक एएनएम और सभी स्टाफ गायब रहे और पूरे दिन स्वास्थ्य सेवा पूर्णतः ठप रही। एक तो लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और डाक्टरो की लापरवाही से गरीबो की जान जाती है ऊपर से विरोध करने पर डाक्टर आंदोलन को उतर आते है. भगवान् बचाए ऐसे डॉक्टरों से.
अस्पताल में तालाबंदी कर डाक्टर सहित सभी स्टाफ गायब: स्वास्थ्य सुविधा पूर्णत: ठप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 06, 2019
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