मधेपुरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरैनी में फिर एक लापरवाही का मामला सामने आया है। मंगलवार को प्रसव उपरान्त जननी महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा।
हंगामे को देख डाक्टर, नर्स व स्टाफ अस्पताल से भाग खड़े होकर एक कमरे में बंद हो गये। अस्पताल में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। वहीं आक्रोशित परिजनॉन ने एक स्वास्थ्य कर्मी की जमकर धुनाई भी कर दी। वहीं पूरे दिन अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा बाधित रही । घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुरैनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत द्वारा परिजनों को समझाने की कोशिश नाकाम रही. देर संध्या तक परिजन शव के साथ अस्पताल में पड़े रहे।
इस दौरान आलमनगर थानाध्यक्ष राजेश कुमार, इन्सपेक्टर ललितेश्वर पांडेय, उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष सहित दर्जनभर पुलिस बल अस्पताल परिसर पहुंचे। वहीं सुबह से ही परिजनो को समझाने में पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप यादव और जिप प्रतिनिधि मनोज यादव जुटे रहे । लेकिन परिजनो का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था । मृतक के परिजनो सहित अन्य लोगो का भी आरोप था की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जहां डाक्टरो का रवैया सही नहीं है, वहीँ एएनएम हर बात पर पैसे की ही मांग करती है।
देर शाम को पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक नरेन्द्र नारायण यादव भी परिजनो को समझाने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरैनी पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक से चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया. विधायक ने अस्पताल में जल्द ही बल्ड की व्यवस्था सहित चिकित्सकों की कमी को पूरा करने सहित घटित घटना की निष्पक्ष जांचकर आवश्यक कारवाई की बात कही। वहीं विधायक के समझाने के बाद परिजन माने. खबर भेजने तक शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने की प्रक्रिया जारी थी।
मिली जानकारी के अनुसार थानाक्षेत्र के चटनमा निवासी रामप्रवेश यादव की पत्नी नीलम देवी (उम्र 30) वर्ष को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने सोमवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार की सुबह करीब पौने नौ बजे उसने एक पुत्र को जन्म दिया। जन्म के करीब घंटेभर के अंदर जननी महिला की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली उनलोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों को आरोप था कि चिकित्सकों व नर्सो की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हुई हैं। परिजनों के अनुसार चिकित्सक ड्यूटी में तैनात चिकित्सक व नर्स ने उनके मरीजों की देख-भाल ठीक ढंग से नहीं किया गया। यदि समय से चिकित्सकों की उपस्थिति मे उनके मरीज का प्रसव कराया गया होता तो शायद जननी महिला की मौत नहीं हो पाती।
वही इस बावत चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर विनय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि महिला को रेफर कर दिया गया था, जननी महिला को रक्त की कमी थी । प्रसव उपरान्त रक्त स्राव अत्यधिक होने लगा जिस वजह से महिला की मौत हो गयी।

हंगामे को देख डाक्टर, नर्स व स्टाफ अस्पताल से भाग खड़े होकर एक कमरे में बंद हो गये। अस्पताल में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। वहीं आक्रोशित परिजनॉन ने एक स्वास्थ्य कर्मी की जमकर धुनाई भी कर दी। वहीं पूरे दिन अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा बाधित रही । घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुरैनी थानाध्यक्ष सुनील कुमार भगत द्वारा परिजनों को समझाने की कोशिश नाकाम रही. देर संध्या तक परिजन शव के साथ अस्पताल में पड़े रहे।
इस दौरान आलमनगर थानाध्यक्ष राजेश कुमार, इन्सपेक्टर ललितेश्वर पांडेय, उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष सहित दर्जनभर पुलिस बल अस्पताल परिसर पहुंचे। वहीं सुबह से ही परिजनो को समझाने में पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप यादव और जिप प्रतिनिधि मनोज यादव जुटे रहे । लेकिन परिजनो का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था । मृतक के परिजनो सहित अन्य लोगो का भी आरोप था की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जहां डाक्टरो का रवैया सही नहीं है, वहीँ एएनएम हर बात पर पैसे की ही मांग करती है।
देर शाम को पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक नरेन्द्र नारायण यादव भी परिजनो को समझाने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरैनी पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक से चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया. विधायक ने अस्पताल में जल्द ही बल्ड की व्यवस्था सहित चिकित्सकों की कमी को पूरा करने सहित घटित घटना की निष्पक्ष जांचकर आवश्यक कारवाई की बात कही। वहीं विधायक के समझाने के बाद परिजन माने. खबर भेजने तक शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने की प्रक्रिया जारी थी।
मिली जानकारी के अनुसार थानाक्षेत्र के चटनमा निवासी रामप्रवेश यादव की पत्नी नीलम देवी (उम्र 30) वर्ष को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने सोमवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार की सुबह करीब पौने नौ बजे उसने एक पुत्र को जन्म दिया। जन्म के करीब घंटेभर के अंदर जननी महिला की मौत हो गई। मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली उनलोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों को आरोप था कि चिकित्सकों व नर्सो की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हुई हैं। परिजनों के अनुसार चिकित्सक ड्यूटी में तैनात चिकित्सक व नर्स ने उनके मरीजों की देख-भाल ठीक ढंग से नहीं किया गया। यदि समय से चिकित्सकों की उपस्थिति मे उनके मरीज का प्रसव कराया गया होता तो शायद जननी महिला की मौत नहीं हो पाती।
वही इस बावत चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर विनय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि महिला को रेफर कर दिया गया था, जननी महिला को रक्त की कमी थी । प्रसव उपरान्त रक्त स्राव अत्यधिक होने लगा जिस वजह से महिला की मौत हो गयी।

प्रसव के बाद जननी की मौत पर परिजनों ने लगाया चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप, जमकर काटा बवाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 05, 2019
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