'बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को बदलकर मनुस्मृति लागू करने की चल रही है साजिश'

'बाबा साहब अंबेडकर ने दलितों और वंचितों को समानता का अधिकार दिलाने की पुरजोर कोशिश कर देश के संविधान में इसे दर्ज किया. यह बात मनुवादी ताकतों को उस दौर में भी हजम नहीं थी.
अब सत्ता में आने के बाद यह प्रतिक्रियावादी ताकतें बीजेपी शासित राज्यों में  निशाना बनाकर डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर, राष्ट्रपिता बापू ,पेरियार की मूर्तियां तोड़ रही है. दलितों वंचितों को समानता का अधिकार दिलाने वाले इन महापुरुषों से मनुवादी ताकते बेइंतहा नफरत करती है. जिंदा लोग से दुश्मनी तो फिर भी समझ में आती है लेकिन मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करना यह दिखलाता है किस तरह वंचितों के प्रतीक  को तोड़कर नए प्रतीक गढ़ने की कोशिश की जा रही है. केंद्र व राज्य सरकार इसे रोकना तो दूर अपने उपद्रवी संगठन आर एस एस बजरंग दल के माध्यम से बढ़ावा दे रही है. ऐसे में जनता को ही इस तरह के कृत्यों पर लगाम लगाने के लिए आगे आना होगा.'

उपरोक्त बातें बिहार सरकार के पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री मधेपुरा के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने संविधान दिवस पखवारा व अंबेडकर साहब के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही.

संविधान की मूल भावना से हो रहा छेड़छाड़ आरक्षण घटाकर कर दिया गया 49 प्रतिशत

मधेपुरा सदर प्रखंड के बराही पंचायत के तुला बाबा स्थान में लोगों को संबोधित करते हुएविधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि हिंदुस्तान में जातीय जहर, छुआ-छूत एवं उच्च नीच का भेद भाव फैला कर देश को बांटने वाली भाजपा फिर से देश को दलदल में ले जा रही है. बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को बदलकर मनुस्मृति लागू करने की साजिश चल रही है. गरीबों वंचितों को  समानता का अधिकार तथा संविधान में संरक्षण दिलाने  के कारण मनुवादी ताकतोंं को बाबा साहब अंबेडकर, पेरियार, महात्मा गांधी, मजदूरों के नेता लेनिन की मूर्तियों तक से बेपनाह नफरत है. आरक्षण के साथ भी छेड़छाड़ करते हुए निष्प्रभावी बनाया गया है. हालात यह है कि 85% दलित पिछड़ों के 49% आरक्षण ही प्रभावी है, जबकि 15% अगड़ों को  51% आरक्षण का लाभ देनाा शुरू है. यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है. धीरे धीरे संविधान को खत्म कर मनमाफिक व्यवस्था लागू करने की साजिश जारी है.

सुशील मोदी एवं पीएमओ ने मिलकर किया सीबीआई का इस्तेमाल 

उन्होंने कहा कि इस देश में सीबीआई, सीआईडी और ईडी सिर्फ वंचितों, दलितों, पिछड़ों के नेता, गरीबों के मसीहा लालू यादव और उनके परिवार के लिए ही काम करती है. इसका खुलासा सीबीआई के निदेशक कर चुके हैं. सीबीसी के समक्ष जानकारी दर्ज कराने के क्रम में सीबीआई निदेशक ने साफ-साफ बताया कि लालू यादव एवं उनके परिवार के खिलाफ रेलवे टेंडर घोटाला का केस दर्ज करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं होने के बावजूद किस तरह सुशील मोदी एवं पीएमओ ने मिलकर सीबीआई का इस्तेमाल किया सीबीआई के उसी भ्रष्ट अधिकारी को बचाने के लिए  निदेशक को छुट्टी पर भेज कर सरकार ने यह साफ कर दिया कि वह अपने मन मुताबिक तोता का इस्तेमाल करती है. जो अधिकारी उनका साथ देते हैं उसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है. जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप है सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया गया है वही अधिकारी बिहार में  नीतीश कुमार के सरकार के सृजन घोटाले की जांच कर रहे थे. उसी ने राजनीतिक सौदेबाजी की और रातों-रात गरीबों का वोट लूटकर महागठबंधन की सरकार को बदलते हुए एनडीए की सरकार बनवाई. इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज तक सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, ताकि राज राज ही रह जाए . गोधरा कांड की जांच करने वाले इस अधिकारी के हाथ में पीएम की कमजोर नस है.  गरीबों के मसीहा लालू यादव एवं उसके परिवार को फँसाने की सुपारी भी इसी खास पदाधिकारी के जिम्मे है यही कारण है कि सरकार उसकी उंगली पर नाच रही है ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित नेता जिलाध्यक्ष देवकिशोर यादव, डॉ रामचन्द्र यादव, बिजेंद्र यादव, रविशंकर कुमार पूर्व मुखिया, दीपनारायण यादव, योगेंद्र राम, शम्भू राम, चन्द्रभूषण राम, राजन कुमार, देवन राम, धर्मवीर पासवान, किशोर मंडल, निलटू राम, आलोक कुमार मुन्ना आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
'बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को बदलकर मनुस्मृति लागू करने की चल रही है साजिश' 'बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को बदलकर मनुस्मृति लागू करने की चल रही है साजिश' Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 06, 2018 Rating: 5

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