मधेपुरा जिले के कोने-कोने में रमजान का पवित्र माह खत्म होते ही ईद का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।
इस अवसर पर नए वस्त्र पहनकर ईदगाह में नमाज पढ़ा गया और गले मिलकर परस्पर बधाई दी गई।
ईद के पवित्र मौके पर ईद गाह पहुंच कर हिंदुओं और समाज के नेताओं ने मुसलमान भाइयों को गले मिलकर मुबारक बाद भी दिया।इस अवसर पर घरों में मीठे पकवान और सेवइयां बनी जिसे बांटकर खाया गया ।
ईद उल फितर मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा त्यौहार है। सच्चा मुसलमान पांच नियमों को अनिवार्यत: पालन करता है - ईमान, नवाज, हज- यात्रा, रोजा और जकात । ऐसा माना जाता है कि हजरत मोहम्मद साहब ने अरब में देखा कि सभी लोग एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं तो ऐसे में मोहम्मद साहब ने सभी को एकजुट करने के लिए रोजे का रास्ता बनाया कि सभी लोग बिना पानी, बिना अन्न के रहेंगे तो परस्पर सद्भावना आएगी और एक दूसरे के दुख का अनुभव भी करेंगे । तभी से रमजान के पाक माह में रोजा रखने की प्रथा बनी और इसका समापन ईद-उल-फितर का त्यौहार मना कर किया जाता है।
ईद के मौके पर जिला प्रशासन ने कारगर सुरक्षा व्यवस्था की थी। इस अवसर पर ईदगाह के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल प्रतिनियुक्त किए गए थे। पुलिस के अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी प्रमुख ईदगाहों के आसपास स्वयं नजर गड़ाए देखे गए।
जिले में इस अवसर पर पूरी तरह शांति व्यवस्था कायम रही और पूरी सद्भावना के साथ इस पर्व का समापन हुआ।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, संपादक; फोटो: मुरारी सिंह)
इस अवसर पर नए वस्त्र पहनकर ईदगाह में नमाज पढ़ा गया और गले मिलकर परस्पर बधाई दी गई।
ईद के पवित्र मौके पर ईद गाह पहुंच कर हिंदुओं और समाज के नेताओं ने मुसलमान भाइयों को गले मिलकर मुबारक बाद भी दिया।इस अवसर पर घरों में मीठे पकवान और सेवइयां बनी जिसे बांटकर खाया गया ।
ईद उल फितर मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा त्यौहार है। सच्चा मुसलमान पांच नियमों को अनिवार्यत: पालन करता है - ईमान, नवाज, हज- यात्रा, रोजा और जकात । ऐसा माना जाता है कि हजरत मोहम्मद साहब ने अरब में देखा कि सभी लोग एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं तो ऐसे में मोहम्मद साहब ने सभी को एकजुट करने के लिए रोजे का रास्ता बनाया कि सभी लोग बिना पानी, बिना अन्न के रहेंगे तो परस्पर सद्भावना आएगी और एक दूसरे के दुख का अनुभव भी करेंगे । तभी से रमजान के पाक माह में रोजा रखने की प्रथा बनी और इसका समापन ईद-उल-फितर का त्यौहार मना कर किया जाता है।
ईद के मौके पर जिला प्रशासन ने कारगर सुरक्षा व्यवस्था की थी। इस अवसर पर ईदगाह के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल प्रतिनियुक्त किए गए थे। पुलिस के अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी प्रमुख ईदगाहों के आसपास स्वयं नजर गड़ाए देखे गए।
जिले में इस अवसर पर पूरी तरह शांति व्यवस्था कायम रही और पूरी सद्भावना के साथ इस पर्व का समापन हुआ।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, संपादक; फोटो: मुरारी सिंह)
जिले में ईद पर्व हर्षोल्लास से मनी, सद्भावनापूर्ण रहा माहौल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 16, 2018
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