
सरकारी विद्यालय मध्यान्ह भोजन के लिए लूट का
अखाड़ा बनता जा रहा है। मधेपुरा
जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत गंगापुर पंचायत के अंतर्गत उत्क्रमित मध्य
विद्यालय भलनी में शुक्रवार को मध्यान्ह भोजन में बच्चों के थाली से फल और अंडे
गायब पाए गए. बच्चों से पूछने पर बच्चों ने बताया कि चना एवं आलू की सब्जी को पानी
में उबालकर परोसा जा रहा था जबकि नियमानुसार प्राथमिक एवं मिड्ल स्कूलों में नवंबर
के पहले सप्ताह से ही हर शुक्रवार को मिड डे मील के अलावा एक उबला हुआ अंडा और
शाकाहारी बच्चों के लिए मौसमी फल दिया जाने का प्रावधान लागू किया गया है. मौसमी
फल बाजार भाव से खरीदे जाएंगे इसके लिए प्रति बच्चे ₹5 की दर से राशि उपलब्ध करवा
दी गई है एवं जो शाकाहारी बच्चे हैं उन्हें अमरूद छोड़कर केला सेब संतरा या कोई
अन्य फल दिया जाए. जो बच्चे अंडा खा सकते हैं उन्हें शुक्रवार को मिड डे मील के
साथ एक उबला हुआ अंडा दिया जाए तथा अंडे की जांच के लिए गाइडलाइन जारी की गई
जिसमें जो अंडा पानी में तैरने लगे उस अंधे को हटा देने का प्रावधान किया गया. साथ
ही उबालने के बाद किसी अंडे का छिलका अगर कठोर हो जाता है तो वह नकली होगा. अंडे की
खरीद एवं रखरखाव की सारी जिम्मेदारी स्कूल एवं शिक्षा समिति के साथ-साथ मिड डे मील
योजना के प्रभारी की होगी. बच्चों में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए
सप्ताह में एक दिन उन्हें उबला अंडा या मौसमी फल दिया जाएगा लेकिन सरकारी दिशा
निर्देशों के बावजूद बच्चों के थालियों से से अंडे और फल गायब पाए जा रहे हैं.

यही नहीं इस विद्यालय में 2 दिनों से बच्चे की उपस्थिति पंजी में उपस्थिति
दर्ज नहीं की गई थी. शुक्रवार को जब बच्चों की उपस्थिति पंजी में शुक्रवार एवं
गुरुवार की उपस्थिति भी दर्ज नहीं पाई गई तो पूछने पर विद्यालय प्रधान ने उपस्थिति
के विषय में कुछ नहीं बताया. वही विद्यालय प्रधान के कार्यालय में प्रधान शिक्षक
के पुत्र बैठकर मजे में खा रहे थे संतरे।
ठीक ऐसा ही कुछ हाल उत्क्रमित मध्य विद्यालय रानीपट्टी सिंगिंयान का देखने
को मिला जहाँ कुछ ग्रामीणों ने विद्यालय के गौशाला में तब्दील होने की सूचना दी और
कहा कि बच्चे की उपस्थिति से ज्यादा यहां पशुओं की उपस्थिति मिलती है.
11:20 पर जब उत्क्रमित मध्य विद्यालय रानीपट्टी सिंगिंयान के प्रधान शिक्षक
स्कूल छोड़कर जा चुके थे. सहायक शिक्षकों ने जब उन्हें मधेपुरा टाइम्स के पहुंचने
की सूचना दी तो वे स्कूल वापस लौटे और जानकारी देते हुए बताया कि मुझे बीआरसी जाना
था इसीलिए मैं निकल गया. स्कूल में उस समय बच्चों को छुट्टी दी जा चुकी थी. रास्ते
में बच्चों से पूछने पर बच्चों ने बताया कि मध्यान्ह भोजन में उन्हें उबले हुए आलू और चने के साथ
चावल दिया गया. अंडे और केले या मौसमी फल मिलने से बच्चों ने इनकार किया. बच्चों
ने बताया कि प्रतिदिन स्कूल नियत समय से पहले ही बंद हो जाता है.
दोनों ही विद्यालयों के मामले में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रामगुलाम
गुप्ता ने बताया कि बच्चों की उपस्थिति का 2 दिनों से अंकित नहीं किया जाना
निश्चित ही गैर जिम्मेदाराना एवं दोषपूर्ण है तथा मध्यान्ह भोजन
के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि साधनसेवी द्वारा
प्रखंड भर में चल रहे मध्यान्ह भोजन की अनियमितता के विषय में कोई जानकारी नहीं दी
जा रही है. अगर विद्यालय प्रधान द्वारा इस तरह के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है
तो मैं जांच कर राशि कटौती के लिए एवं अग्रतर कार्रवाई हेतु जिले के वरीय
पदाधिकारी को लिखूंगा.
कैसे चले काम: मध्यान्ह भोजन में शुक्रवार को बच्चे की थाली से फल और अंडे गायब
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 28, 2018
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