काटा साँप, डॉक्टर ने लिखा काटा कुत्ता: ये है सरकारी अस्पताल का हाल, डॉक्टर की लापरवाही से हुई बच्ची की मौत

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की लापरवाही से एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. 


विरोध में परिजनों ने आज दिन के 2:00 बजे अस्पताल परिसर के मुख्य द्वार पर लगाया ताला’
दरअसल यहाँ आयुष और यूनानी डॉक्टरों के द्वारा आपातकालीन सेवाएं चलाई जाती हैं, जबकि इन्हें अंग्रेजी दवाइयों के विषय में जानकारी नहीं होती है. घटना के बारे में बताया गया कि कल दिन के 2:00 बजे ड्यूटी पर मौजूद आयुष डॉक्टर जहनवाज ने अस्पताल के पुर्जे पर लिखा स्नेक बाइट की जगह लिखा डॉग बाइट, जबकि परिजन और पीड़ित कह रहे थे उन्हें साँप ने काटा है.

कल सदर अस्पताल रेफर करने के उपरांत रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने एवं हत्या का मुकदमा चलाने साथ ही साथ अस्पताल प्रबंधन को आड़े हाथों  लिया.

क्या है  मामला: मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत दिग्घी पंचायत के वार्ड नंबर 5 निवासी अनमोल कुमार सिंह की पुत्री श्रुति कुमारी को कल दिन के 1:30 बजे अपने घर पर खेलते हुए किसी भी विषधर सर्प ने काट लिया. बच्ची के पिता ने बताया कि उसने जल्दबाजी में गांव से आधे किलोमीटर की दूरी पर मुरलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया, जहां मौके पर मौजूद डॉक्टर जहनवाज से उन्होंने अनुरोध किया कि जल्द से जल्द बच्चे का उपचार शुरू करें, उसे किसी किसी विषधर सर्प ने काटा है. बच्ची भी डॉक्टर से कह रही थी कि उसे सर्प ने काटा है. मृतका बच्ची के पिता को डॉक्टर जहनवाज द्वारा सबसे पहले अस्पताल रजिस्ट्रेशन के पुर्जे को कटाने कहा गया. उसके उपरांत ही उपचार करने की बात कही गई. बच्ची के पिता ने बताया कि मैं अकेला था और बच्ची को उल्टी होनी शुरू हो गई थी. मैंने किसी तरह पुर्जा कटाया जिसका क्रमांक 27192-2056 दिनांक 28/ 4/ 2018 था. अस्पताल मैं मौजूद डॉक्टर जहनवाज से हमने अनुरोध किया कि अगर दवाई नहीं है तो हमें तुरंत ही बाहर रेफर कर दीजिए पर डॉक्टर ने पुर्जे पर स्नेक बाइट की जगह डॉग बाइट लिखा. मैं अपनी पुत्री को सदर अस्पताल के लिए ले जा रहा था कि रास्ते में मेरी मासूम बेटी ने दम तोड़ दिया. 

गौरतलब हो कि सर्पदंश में अच्छे-अच्छों की हृदय गति रुकने से मौत हो जाती है लेकिन इस 11 वर्षीया श्रुति ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए डॉक्टरों के सामने सर्पदंश की बात बताई और सर्पदंश के ढाई घंटे बाद तक जिंदगी और मौत से जद्दोजहद करती रही. वही मृत बच्ची के बड़े चाचा सुनील सिंह  का कहना है कि आयुष डॉक्टरों की बहाली कर समूचे अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था को बदल कर दिया गया है. यह जड़ी बूटी वाले डॉक्टर क्या समझेंगे और क्या लिखेंगे दवाइयां. उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए एवं इसके लिए वह अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ जिला प्रशासन एवं आरक्षी अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई.

क्या कहते हैं प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज के चिकित्सा पदाधिकारी: मामले में जानकारी देते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज के चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि अस्पताल में हर तरह की सुविधा उपलब्ध है एवं हर तरह की दवाइयां स्नेक बाइट से लेकर के डॉग बाइट तक की उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि मृतक बच्ची के आवेदन के उपरांत डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आखिर उन्हें सारी दवाइयां उपलब्ध होने के बावजूद क्यों रेफर किया गया, आवेदन लिया जा रहा है कार्रवाई की जाएगी । परिजनों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ संजीव कुमार ने बताया कि या तो सरकार जाने जी आयुष डॉक्टरों को किस आधार पर नियुक्ति प्रदान करते हैं यह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर की बात है.

जबकि हैरानी की बात यह है कि मौके पर उपस्थित डॉक्टर जहनवाज ने स्वीकार किया कि जानकारी के अभाव में उनसे भूल हुई है. उन्होंने लिखित रूप में परिजनों के समक्ष चिकित्सा पदाधिकारी को लिखकर दिया स्वीकार किया कि सर्पदंश की दवाई अस्पताल में मौजूद रहने के बावजूद किसी बढ़िया चिकित्सक की सलाह लिए बिना उसने मरीज को रेफर कर दिया जिससे परिजनों की जानकारी के मुताबिक रास्ते में ही मौत हो गई.

वहीं मृतक श्रुति के परिजनों द्वारा मुरलीगंज थाने में डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही थी.

काटा साँप, डॉक्टर ने लिखा काटा कुत्ता: ये है सरकारी अस्पताल का हाल, डॉक्टर की लापरवाही से हुई बच्ची की मौत काटा साँप, डॉक्टर ने लिखा काटा कुत्ता: ये है सरकारी अस्पताल का हाल, डॉक्टर की लापरवाही से हुई बच्ची की मौत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 29, 2018 Rating: 5

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