मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड
क्षेत्र के कोल्हुआ से चौराहा भाया बाण घाट होते हुए बनने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण
सडक निर्माण में संवेदक
द्वारा बरती जा रही अनियमिता को लेकर ग्रामीणों के द्वारा कई बार विरोध प्रकट किया
जाता रहा है। लेकिन संवेदक पर कार्रवाई
कुछ नहीं हुई
है ।
एक
सप्ताह पूर्व में भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि प्लांट पर मिक्सिंग के
दौरान सही मात्रा में ना तो बालू दे रहा था और ना ही गिट्टी, जिसपर विभाग के कर्मी
आये,
जाँच किया और चल दिए और फिर संवेदक के द्वारा कार्य शुरू कर
दिया गया।
मालूम
हो कि करीब 1.711 किलोमीटर सडक की लागत एक करोड 71
लाख 73 हजार 691 रुपया है। निर्माणाधीन
सडक मे प्राक्कलन के अनुसार सामग्री नहीं दिया जाता है, फिर ग्रामीणों ने
इसकी शिकायत डीएम से किया और डीएम के निर्देश पर
रविवार को शंकरपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा कुमारी द्वारा बन रहे सडक पर डाले
जा रहे मेट्रेरियल का निरक्षण किया तो निरक्षण में बीडीओ ने पाया कि उक्त
सडक में
60 प्रतिशत भरना बालू और 40 प्रतिशत
गिट्टी ही दिया जा रहा है।
जबकि स्टीमेट में कुछ और है
मौके पर मुखिया राजेंद्र प्रसाद यादव, ब्लॉक
कॉर्डिनेटर प्रमोद
कुमार,
वार्ड सदस्य बिरेन्द्र यादव,
सुबोध ऋषिदेव, प्रमोद कुमार, संतोष रजक, संजय कुमार, बिनोद कुमार आदि ग्रामीण मौके पर उपस्थित थे। इधर कुछ ग्रामीणों का
आरोप है की पदाधिकारी सिर्फ जाँच कर पदाधिकारी वापस
लौट जाते है और संवेदक अपने मर्ज़ी से कार्य करते रहते हैं ।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण में संवेदक द्वारा अनियमिता पर कोई कार्रवाई नहीं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 18, 2018
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