मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड में बाँस की चचरी पार कर विद्यालय आना जाना
करती है कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा। कभी भी गंदे नाले में गिरकर दुघर्टना का
शिकार बन सकती हैं बच्चियाँ.
बिहारीगंज के सुभाष चौक पर अवस्थित उक्त विद्यालय में कुल एक सौ छात्रा
नामांकित है, जिसे
प्रतिदिन निकट के विद्यालय में पढ़ने जाना पड़ता है। जिन्हें नाले पर बने बांस के
चचरी को पार कर जाना पड़ता है।
विद्यालय की छात्रा बबली कुमारी, संजना कुमारी, मुस्कान कुमारी, स्नेहा आदि ने बताया कि वे जब भी उसे पार करती है,उसके मन में हमेशा डर बना रहता है, कहीं चचरी के टूटने से वे नाला में न गिर जाए। इसके अलावे
विद्यालय के सामने खुले नाले की गंदगी से भी बच्चियों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा
प्रभाव पड़ रहा है। विद्यालय की वार्डेन पुष्पा मिश्रा से पूछने पर वह बताई कि
जनप्रतिनिधियों को उक्त समस्या से अवगत कराया गया। आश्वासन भी मिला कि उसे दुरूस्त
कर दिया जाएगा। पर अबतक काई कार्य नहीं हो पाया है। उसे बनाने कि दिशा में
प्रयासरत हूं।
(रिपोर्ट: रानी देवी)
बाँस की चचरी होकर गुजरना पड़ता है कस्तूरबा की छात्राओं को
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 09, 2017
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