टी. पी. कालेज,
मधेपुरा में असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) सह बी. एन.
मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर का चयन श्रीमती कमलादेवी जैन
स्मृति पुरस्कार के लिए किया गया है।
यह पुरस्कार उन्हें अखिल भारतीय दर्शन परिषद्
के 62वें अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह समारोह आगामी 13
अक्टूबर को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में आयोजित होने जा रहा है। उन्हें यह पुरस्कार उनके
शोध-आलेख 'गाँधी
का राष्ट्रवाद' के
लिए दिया गया है, जिसे परिषद् के बीते 61वें अधिवेशन के सभी 5 विभागों में प्रस्तुत लगभग चार सौ
आलेखों में सर्वश्रेष्ठ चुना गया है। उन्हें पुरस्कार के रूप में 5 हजार नकद और
प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
इसके पूर्व
डॉ. शेखर को अखिल भारतीय दर्शन परिषद् से कई अन्य पुरस्कार भी मिल चुके
हैं। ये हैं- डॉ. विजयश्री स्मृति पुरस्कार (2008 एवं 2012),
सोहनराज तातेड़ दर्शन पुरस्कार (2010), स्वामी
दयानंद निबंध पुरस्कार (2013 एवं 2014), वैद्य गणपतराम जानी पुरस्कार (2015)।
मालूम हो कि डॉ.
शेखर ने शोध, शिक्षण
एवं लेखन-संपादन में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इनकी दो पुस्तकें 'गाँधी- विमर्श' (2015) एवं 'सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ'
(2014) काफी लोकप्रिय हैं।
उन्होंने आठ पुस्तकों का संपादन किया है। ये हैं- 'भूमंडलीकरण : नीति और नियति', 'लोकतंत्र : नीति और नियति', 'लोकतंत्र : मिथक और यथार्थ', 'भूमंडलीकरण और लोकतंत्र', 'भूमंडलीकरण और पर्यावरण', 'पर्यावरण और मानवाधिकार', 'शिक्षा-दर्शन' एवं 'गाँधी-चिन्तन'। साथ ही ये दो शोध-पत्रिकाओं 'दर्शना' एवं 'सफाली जर्नल आफ सोशल रिसर्च' का संपादन कर रहे हैं।
इनके दो दर्जन से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं और लगभग एक दर्जन
रेडियो वार्ताएं प्रसारित हुई हैं।
डॉ. शेखर तिलकामांझी
भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में जेआरएफ (आईसीपीआर), प्रोजेक्ट फेलो (यूजीसी) एवं पोस्ट डॉक्ट्रल फेलो (यूजीसी)
रहे हैं।
संप्रति ये 'दर्शना पब्लिकेशन' के डायरेक्टर और 'बिहार दर्शन परिषद्' के मीडिया प्रभारी की भूमिका भी निभा रहे हैं।
BNMU: डॉ. सुधांशु शेखर का चयन श्रीमती कमलादेवी जैन स्मृति पुरस्कार के लिए
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 08, 2017
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