मधेपुरा जिले में मुरलीगंज
से मीरगंज होते हुए वीरपुर की ओर जा रहे टेंपो से एसएच 91
पर शनिवार की रात जोरगामा मिडल स्कूल के पास एक मोटरसायकिल की जोरदार टक्कर
में मोटरसाइकिल चालक की मौत हो गई.
मिली जानकारी के अनुसार अभिमन्यु
कुमार (22 वर्ष) पिता
सत्यनारायण दास, रानीपट्टी वार्ड नंबर 13 के निवासी की मौके पर ही सर फटने के कारण मौत हो गई. जबकि मोटरसाइकिल
पर पीछे बैठा बुद्धसेन कुमार, पिता बिजेंद्र यादव,
रानी पट्टी निवासी गंभीर रुप से घायल है. मौके पर जोरगामा मुखिया
मिथिलेश कुमार आर्य ने ग्रामीणों के सहयोग से घटना के तुरंत बाद ही घायल को
मुरलीगंज पीएचसी भेजने की व्यवस्था की. मुरलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में
इमरजेंसी में मौजूद डाक्टर राजेश कुमार ने बताया कि घायल की स्थिति बहुत ज्यादा
नाजुक तो नहीं थी पर बेहतर इलाज के लिए उन्हें मधेपुरा सदर भेज दिया गया है. सड़क
के किनारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों ने जब टक्कर की आवाज सुनी तो वहां जाकर
देखा तो टक्कर के बाद टेंपो के पलट जाने से एक व्यक्ति जो मोटरसाइकिल का चालक था
वह नीचे दबा हुआ था और उसके माथे के अगला हिस्सा पूरी तरह दो हिस्सों में विभक्त
हो चुका था तथा उसकी मौत हो चुकी थी.
आनन-फानन
में टेंपो को सीधा करने के बाद टेंपो चालक गाड़ी लेकर भागने में सफल रहा. गौरतलब
है कि पिछले दो-तीन महीनों में मुरलीगंज एसएच 91
पर सड़क दुर्घटना में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है और ज्यादातर दुर्घटनाएं टेंपो और
मोटरसाइकिल सवारों के बीच टक्कर से ही हुई है. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया
कि प्रशासन की उदासीनता के कारण लोगों की मौते हो रही है. इसको लेकर प्रशासन पूरी
तरह से बेखबर नजर आ रही है. मिथिलेश कुमार आर्य पूर्व मुखिया जोरगामा पंचायत ने
कहा कि अक्सर मोटरसाइकिल सवारों की दुर्घटना में मौत होने की वजह हेलमेट का नहीं
व्यवहार में लाना है. स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक छोटे से दंड वसूली करने
में लगी है. जबकि मोटरसाइकिल सवारों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता होनी चाहिए. पर
बेरोकटोक परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाने के कारण आए दिन ये लोग बेमौत मारे जाते
हैं.
ऑटो से
दुर्घटना में इजाफे की बात पर श्री आर्य ने कहा कि जिला परिवहन विभाग इसके लिए
पूरी तरह उत्तरदायी है. घोड़े की लगाम थामने वाले हाथों में बिना दक्षता के टेंपो
चालक बन गए हैं और किसी के पास भी वाहन चलाने की अनुज्ञप्ति नहीं होती है. परिवहन
विभाग की अनदेखी के कारण 16 से कम उम्र के बच्चे भी टेंपो चलाते देखे जा सकते हैं. टेंपू की रफ्तार
किसी कार की रफ्तार से कम नहीं होती और उसे सड़क के नियमों एवं गति सीमा के नियम
के पालन की जानकारी तक नहीं होती, जिसके कारण आए दिन
दुर्घटनाएं बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अगर जिला परिवहन विभाग इस दिशा में ठोस
कदम नहीं उठाएगी तो अब सामाजिक स्तर पर परिवहन प्रशासन के खिलाफ हमलोग आवाज बुलंद
करेंगे. हेलमेट की अनिवार्यता और बिना दक्षता के टेंपो चालकों को अनुज्ञप्ति दिए
जाने के कारण बिना अनुज्ञप्ति के सैकड़ों टेंपो चल रहे हैं. इस पर प्रशासन द्वारा
नकेल कसना अनिवार्य है वर्ना सड़क पर यूं ही लाशें बिछती रहेंगी.
मधेपुरा: ऑटो से टक्कर में बिना हेलमेट के मोटरसायकिल चालक का सर फटा, मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 22, 2017
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