मधेपुरा
जिले के पुरैनी प्रखंड के दो गांव बालाटोला और दुर्गापुर के डायरिया के चपेट में
आने से दर्जनों लोग अक्रांत हैं और दोनों गांव से अबतक एक-एक की मौत हो चुकी है।
दुर्गापुर
से जहां लोग पीएचसी आकर अपना-अपना ईलाज करवा रहे हैं वहीं बालाटोल में मंडिकल कैंप
लगाया गया है। पीएचसी प्रभारी डा. विनीत कुमार भारती ने बताया कि अब तक बालाटोल और
दुर्गापुर गांव के लोग का सफल ईलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि बालाटोल से एक
बच्चा हाॅस्पीटल आने के पहले हीं रास्ते में दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि
बालाटोल से पीएचसी आ रहे एक दो वर्ष का बच्चा और दुर्गापुर की 12 वर्षीया छात्रा की मौत हो गई।
बताया
गया कि छठपूजा की छुट्टी मनाने घर गई कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय
पुरैनी की वर्ग 6 की छात्रा लक्ष्मण मंडल की पुत्री
फुलवती कुमारी छठपर्व की मौत डायरिया की चपेट में आने से असामयिक हो गई। पीएचसी
प्रभारी डा. विनीत कुमारी भारती ने बताया कि फुलवती की हालत गंभीर होने के कारण पीएचसी से बेहतर ईलाज
के लिए मधेपुरा रेफर कर दिया गया था।
बाद
में सूचना मिली कि मधेपुरा जाने के क्रम में रास्ते में उसकी मौत हो गई। इधर
दुर्गापुर की करणमा देवी (32), नीलम देवी (25), ननकी देवी (30), चन्दन कुमारी (12), अशोक मंडल (40), पतरी कुमारी (3), काजल कुमारी (2), मधु कुमारी (5), सीता कुमारी (4) और बालाटोल के खूशबू कुमारी (13) और बालाटोल में और भी कई संदिग्ध मरीजों का ईलाज किया गया।
डायरिया के चपेट में आने से हुए दो लोगों के मौत के बाद दोनों गांवों में दहशत का
माहौल है। डाक्टरों की मानें तो अभी सभी मरीज खतरे से बाहर है और स्थिति पर
नियंत्रण भी पा लिया गया है।
डायरिया के चपेट में दो गाँव: दो की मौत, दर्जनों आक्रांत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 30, 2017
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