‘बाढ़ के पानी में क्रीड़ा पर रोक नहीं लगता तो दर्जनों लोग मुफ्त में मर जाते’: डीएम

मधेपुरा के जिलाधिकारी ने कहा है कि सभी प्रखंडों में फसल क्षति का अनुदान देने के लिये पीड़ितों से आवेदन लिये जा रहे हैं । हमारा मानना है कि बाढ़ भले ही सभी प्रखंडों में नही आई लेकिन वर्षा और अन्य जिलों से आई पानी के कारण धान सहित अन्य फसल की क्षति हुई है ।


किसानों कॊ चाहिये कि वे अपना आवेदन अपने पंचायत के शिविर में आकर वहाँ प्रतिनियुक्त किये गये शिक्षक से लिखा कर या स्वयं लिख कर विवरण के साथ दे तो जाँच कर उन्हे नियमानुसार अनुदान दिया जायेगा ।

जिलाधिकारी मो० सोहैल ने यह भी बताया कि बाढ़ के बाद डायरिया जैसी बीमारी नही फैले, इसके लिये चापाकलों और जल जमाव वाले क्षेत्रों में कालाजार के छिड़काव कर्मियों से दवा का छिड़काव कराया जा रहा है । महामारी नही हो, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग भी चौकस है । अगर छोटी मछलियों के खाने से डायरिया जैसी रोग फैली तो फ़िर छोटी मछलियों कॊ मारने बेचने और खाने पर भी प्रतिबंध लगाया जायेगा । 

उन्होने यह भी बताया कि जिले में बाढ़ के जल में क्रीड़ा करने, नहाने आदि पर प्रतिबंध लगाने के कारण ही जिले में अब तक मात्र 21 लोग डूब कर मरे हैं अन्यथा कई दर्जन लोग मुफ्त में जल क्रीड़ा करते हुए मर गये होते
‘बाढ़ के पानी में क्रीड़ा पर रोक नहीं लगता तो दर्जनों लोग मुफ्त में मर जाते’: डीएम ‘बाढ़ के पानी में क्रीड़ा पर रोक नहीं लगता तो दर्जनों लोग मुफ्त में मर जाते’: डीएम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 24, 2017 Rating: 5
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