
मधेपुरा जिले के विभिन्न इलाकों में बिजली के जर्जर तार जानलेवा बन चुके हैं.
कहीं आदमी की मौत तो
कहीं मवेशी की मौत इन दिनों दिनचर्या की तरह बन गया प्रतीत
होता है. जबकि सरकार और प्रशासन बिजली बिल बढ़चढ़ कर लेने में कहीं से कोताही नहीं बरत
रही है.
कहीं मवेशी की मौत इन दिनों दिनचर्या की तरह बन गया प्रतीत
होता है. जबकि सरकार और प्रशासन बिजली बिल बढ़चढ़ कर लेने में कहीं से कोताही नहीं बरत
रही है.
मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड के घोषई बिलजी के करेंट से एक दुधारू भैंस
की सोमवार को मौत हो गई और जैसा लगातार हो रहा है, आक्रोशित ग्रामीणों ने चौसा-मधेपुरा
मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर दिया, भले ही प्रशासन ने पिछली घटना से सबक न ली हो.
बता दें कि कुछ दिन पहले इसी गाँव में बिजली के करेंट से चार मवेशियों की जान
चली गई थी, अभी लोग उस घटना को भुला भी नहीं पाए थे कि आज उसी गाँव में दूसरी घटना
हो गई, जिसमें कृत्यानंद शर्मा की दुधारू
भैंस जिसकी अमुमनित कीमत पचास हजार रूपये थी, उसकी मौत हो गई. जिसे देखकर ग्रामीण
आक्रोशित होकर चौसा मधेपुरा मुख्य मार्ग को जाम कर आवागमन को बाधित कर दिया.
लोगों का कहना था कि यह घटना बार-बार इस लिए घटती है कि इस घनी आबादी वाले इलाके से हाई पवार ग्यारह
हजार केवीए का तार गुजर है और इसके चपेट में आने वाला इंसान हो या जानवर वो नहीं
बचता है. इसलिए इस तार को चाहिए कि खेत खलिहान हो कर ले जाया जाय। बाद में कई जनप्रतिनिधि
तथा बुद्धिजीवियों के प्रयास के बाद जाम टूटा. जिसमें उप प्रमुख शशि कुमार दास, पैना मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद शाहजहाँ,
बुलबुल आदि मौजूद थे।
हत्यारिन बनी बिजली की जर्जर तार (भाग-1): चौसा में मवेशी की मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 01, 2017
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