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इस अवसर पर उन्होंने दलित पिछड़ों को एक होने को कहा और दिल से जुड़ने का आह्वान किया |
उन्होंने कहा कि जाति से मुक्ति इस देश की सबसे बड़ी क्रांति होगी लेकिन यहाँ तो लोगों ने
अपनी-अपनी जाति के संगठन बना लिए हैं | उन्होंने आगे कहा जाति से निकलो और पहले इन्सान बनो |
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इसी पुरस्कार समारोह में बोलते हुए बहुजन विद्वान कांचा इल्लैया ने रीड, फाइट, और राइट का नारा दिया | कहा कि हमलोग इस देश की उत्पादक जातियां हैं हमें अपना इतिहास लिखने की जरुरत है | गाँधी और नेहरु ने अपनी आत्मकथा लिखी लेकिन फुले,
अम्बेडकर और मंडल नहीं लिख पाए इसलिए उन्होंने शरद जी से अपनी आत्मकथा लिखने का अनुरोध किया | आदिवासी चिन्तक सोनाझरिया मिंज ने ओबीसी के साथ विश्वविद्यालयों में हो रहे भेदभाव पर चिंता व्यक्त की | पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष शरदेन्दु कुमार ने विस्तार से बी.एन.मंडल के जीवन और उनके सामाजिक संघर्ष पर चर्चा की |
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अध्यक्ष के तौर पर बोलते हुए एस.एन. मालाकार ने कहा कि बहुजन का आन्दोलन सिर्फ आरक्षण के सवाल पर सिमट कर रह गया है | उन्होंने पिछड़ी जातियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आपकी गलती से आज अति पिछड़ा आज बीजेपी का दलाल बनने पर मजबूर है |
इस अवसर शरदेन्दु कुमार की किताब ‘समाजवादी चिंतन के अमर साधक भूपेंद्र नारायण मंडल’ और कांचा इल्लैया की किताब ‘हिंदुत्व मुक्त भारत: दलित-बहुजन, सामजिक-आध्यत्मिक और वैज्ञानिक क्रांति पर मंथन’ का विमोचन शरद यादव ने किया |
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में दिलीप मंडल, बी.एन.मंडल के पौत्र दीपक कुमार, अभिषेक सौरभ, शुभ्रा यादव, राहुल राव, अरविन्द कुमार और रमेश यादव ने अतिथियों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया |
इस अवसर पर आलोक कुमार, श्वेता यादव, सुमित समोस, धर्मवीर गगन और जुबैर आलम को सामजिक न्याय का युवा पुरस्कार भी प्रदान किया गया | साथ ही देश स्तर पर सामजिक न्याय की लड़ाई को धार देने के लिए दिलीप यादव और मुलायम सिंह को विशेष सोशल जस्टिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
जयन्त जिज्ञासु और आशिमा ने मंच का शानदार संचालन किया | अंत में अवार्ड कमिटी की तरफ से श्रीमंत जैनेन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया |
सुनें इस वीडियो में क्या कहा शरद यादव ने, यहाँ क्लिक करें.
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(वि. सं.)
‘जाति से मुक्ति सबसे बड़ी क्रांति होगी’: शरद यादव को ‘लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 09, 2017
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