मधेपुरा में अभिनय कला ने मानो एक बड़ी करवट ली हो और कई नाट्यकला प्रेमियों का
मानना है कि यहाँ के लड़के और लड़कियों के अब के अभिनय ने पुराने ढर्रे पर चल रहे इस
कला को नया जीवन दे दिया है.
मधेपुरा में नवाचार रंगमंडल नाम की कला संस्कृति से जुड़ी अहम् संस्था की लगभग
हर प्रस्तुति अब अपने-आप में नया इतिहास बना रही है. रविवार की रात टाउन हॉल में ’पुल्ली
डंटा’ नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रख्यात गांधीवादी विचारक सह
पूर्व कुलपति डॉक्टर रामजी सिंह के द्वारा किया गया।
मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय कला और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने की
जिम्मेवारी युवाओं की है। उन्होंने नवाचार रंगमंडल के कलाकारों को बधाई देते कहा
कि मधेपुरा जैसे छोटे शहर में ऐसे आयोजन कर समाज में आपसी भाईचारा और सद्भाव का
माहौल पैदा करने में ये सक्रिय हैं। डॉक्टर सिंह ने कहा कि कलाकार पैसे कमाने के
लिए नहीं बल्कि समाज को एक नई संस्कृति और आपसी समन्वय पैदा करने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में कला और संस्कृति का अपना एक अलग महत्व है। कहा कि
कलाकार अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए जीते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से
समाज में व्याप्त द्वेष भाव खत्म होता है।
समारोह का संचालन रंगमंडल के संरक्षक संजय परमार ने किया।उन्होंने अतिथियों का
स्वागत करते हुए नवाचार रंगमंडल के कार्यकलापों की जानकारी दी। समारोह में पूर्व
परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर भूपेंद्र मधेपुरी, गिरिजा कपिलदेव के प्राचार्य संगीता यादव,
प्राचार्य डॉक्टर बी एन विवेका,
शंभूशरण भारतीय, राकेश कुमार डब्लू, डॉक्टर अरुण कुमार, डॉक्टर जवाहर पासवान, डॉक्टर सुधांशु शेखर, प्रदीप झा, पी यदुवंशी, बलवंत यादव, रूपेश कुमार, सुकेश राणा सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद थे.
समारोह में नवाचार रंगमंडल की ओर से जिले में अपनी अलग पहचान छोटू जी,
पंकज कुमार, रूबी कुमारी, रामचंद्र राज, मनीष कुमार "मिंटू" आभाष आनंद झा,
रौहित कुमार, प्रो शैलेंद्र कुमार, डॉ आर. के पप्पू, संदीप शांडिल्य सहित दर्जनों लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर
सम्मानित किया गया. नवाचार रंगमंडल के कलाकारों ने मूक अभिनय,
नवाचार काव्यकोष और गुल्ली डंडा नामक नाटक का मंचन कर लोगों
को सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया। नाटक के माध्यम से कलाकारों ने ग्रामीण इलाके
में पैसे की लालच में अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपनाए जाने वाले अत्याचारों
पर करारा चोट किया। नाटक के माध्यम से बताया गया कि सत्य की जीत हमेशा होती है भले
ही परेशानी जितनी भी हो जाए। इसी प्रकार कलाकारों ने मूक अभिनय के माध्यम से यह
जताने का प्रयास किया कि बिना बोले भी हम अपने भाव-भंगिमा से कोई भी बात दूसरे तक
पहुंचा सकते हैं। नवाचार काव्य कोश के माध्यम से कलाकारों ने स्वरचित और प्रख्यात
कवियों के कविता को भाव भंगिमा के माध्यम से प्रस्तुत किया।
नाटक के निर्देशक मिथुन कुमार गुप्ता और अमित आनंद ने कलाकारों को प्रशिक्षित कर मंचन करवाया था. मूक अभिनय में कार्तिक कुमार, सुमन कुमार, प्रीति कुमारी, अक्षत शर्मा, गरिमा उर्विशा, बमबम कुमार ने बिना बोले अपनी बातें दर्शक तक रखने में कामयाब रहे. लीजा मान्या "माई तेरी चुनरिया लहराई" अंजली कुमारी "प्रेम रतन धन पायो" प्रीति कुमारी "राधा नाचे रे" ने रिकॉर्डिंग डांस कर लोगों को दांत तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया.
नाटक ’पुल्ली डंटा’ में अक्षय शर्मा, अमित आनंद, अमित अंशु, मिथुन कुमार गुप्ता, बमबम कुमार, सुमन कुमार, सुमित कुमार,आदित्य कुमार, गौतम कुमार, सज्जन कुमार, गरिमा उर्विशा, कार्तिक कुमार, पीयूष राज, प्रीति कुमारी, प्रियंका कुमारी, आशीष कुमार सत्यार्थी, अंशु कुमार, गौतम कुमार, सोनल कुमार, नवीन कुमार, लीजा मान्या ने अभिनय कर लोगों को लोटपोट किया. नाटक में सुनीत कुमार, दिलखुश कुमार, संतोष कुमार संगीत ने दिया. अतिथियों स्वागतगीत चंदा कुमारी, सिवाली कुमारी, रौशन कुमार ने स्वागत किया.
नाटक के निर्देशक मिथुन कुमार गुप्ता और अमित आनंद ने कलाकारों को प्रशिक्षित कर मंचन करवाया था. मूक अभिनय में कार्तिक कुमार, सुमन कुमार, प्रीति कुमारी, अक्षत शर्मा, गरिमा उर्विशा, बमबम कुमार ने बिना बोले अपनी बातें दर्शक तक रखने में कामयाब रहे. लीजा मान्या "माई तेरी चुनरिया लहराई" अंजली कुमारी "प्रेम रतन धन पायो" प्रीति कुमारी "राधा नाचे रे" ने रिकॉर्डिंग डांस कर लोगों को दांत तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया.
नाटक ’पुल्ली डंटा’ में अक्षय शर्मा, अमित आनंद, अमित अंशु, मिथुन कुमार गुप्ता, बमबम कुमार, सुमन कुमार, सुमित कुमार,आदित्य कुमार, गौतम कुमार, सज्जन कुमार, गरिमा उर्विशा, कार्तिक कुमार, पीयूष राज, प्रीति कुमारी, प्रियंका कुमारी, आशीष कुमार सत्यार्थी, अंशु कुमार, गौतम कुमार, सोनल कुमार, नवीन कुमार, लीजा मान्या ने अभिनय कर लोगों को लोटपोट किया. नाटक में सुनीत कुमार, दिलखुश कुमार, संतोष कुमार संगीत ने दिया. अतिथियों स्वागतगीत चंदा कुमारी, सिवाली कुमारी, रौशन कुमार ने स्वागत किया.
अभिनय कला में बड़ी धमक: नवाचार रंगमंडल के द्वारा ’पुल्ली डंटा’ नाटक का प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 31, 2017
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