परिवार
और समाज की उपेक्षा के कारण समाज तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपना महत्वपूर्ण
योगदान देने वाले नौनिहाल उचित एवं अनुकूल संरक्षण के अभाव में कच्ची उम्र से ही
नशे व जुए की लत में पड़कर भविष्य बर्बाद कर रहे हैं ।
मधेपुरा
जिले के पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों शराबबंदी के बाद से जहां किशोर भी
शराब की जगह अन्य मादक पदार्थों का प्रयोग कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भोले-भाले
नौनिहाल बच्चे भी नशे की लत के साथ-साथ जुआ की लत में पड़ चुके हैं । छोटे-छोटे इन
बच्चों का मादक पदार्थों का आदी होते जाना चिंता का विषय है । बच्चे इन दिनों नशे
के लिए नई-नई तरकीब अपना रहे हैं । वे नशे के लिए सनफिक्स, बैंड फिक्स, सुलेशन, आदि
का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं और ये बाजार में हर जगह आसानी से उपलब्ध है ।
यदि
अभिभावक 10
से 18 वर्ष
के बीच बच्चों में हो रहे परिवर्तन का विशेष घ्यान रखें तो संभव है की काफी संख्या
में बच्चों को नशा के गिरफ्त में फंसने से बचाया जा सकेगा।
वहीं इस मामले में प्रशासन को भी सक्रियता दिखानी पड़ेगी। क्योंकि आज नशा हर गली हर
चौराहे पर आसानी से उपलब्ध है । और शराबबंदी के बाद से नशे की लत में पड़े किशोर व
अन्य गांजा सहित कई अन्य नशीली व मादक पदार्थों का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं ।
कच्ची उम्र में नशे व जुए की लत में पड़ रहे नौनिहाल, बर्बाद हो रहा देश का भविष्य
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 24, 2017
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