
आधारभूत सुविधाओं से मरहूम मधेपुरा के रेलवे स्टेशन पर लगा नया बोर्ड न सिर्फ विभाग को कटघरे मर खड़ा करता है बल्कि इस बोर्ड पर कई लोगों ने अपनी आपत्ति भी प्रकट की है.
कई लोगों का दावा है कि दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर सामने से उर्दू में लगे बोर्ड को उल्टा लटका दिया गया है. करीब दस दिनों से लगे इस बोर्ड पर उर्दू में ‘दौरम मधेपुरा’ तो ठीक लिखा है, पर बोर्ड का जो भाग नीचे होना चाहिए वो ऊपर है और जो ऊपर होना था वो नीचे है. स्टेशन पर मौजूद कई लोगों का कहना था कि मधेपुरा रेलवे का हर काम ‘उल्टा-पुल्टा’ ही होता है, ये बोर्ड उल्टा लटका दिया तो कौन सी बड़ी बात है. इनका वश चले तो ये पैसेंजर को भी उल्टा लटका दे.
हालांकि रेलवे से जुड़े कुछ लोगों का कहना था कि ये मजदूर की गलती है जिसे उर्दू पढ़ना नहीं आता होगा. पर सवाल ये उठना लाजिमी है कि क्या बोर्ड लटकाते समय कोई देखरेख करने वाला नहीं था और यदि उल्टा लटक भी गया तो विभाग का ध्यान इसपर अब तक क्यों नहीं गया?
कैमरे के सामने प्रतिक्रिया देने के लिए स्टेशन पर किसी अधिकृत अधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी.
कई लोगों का दावा है कि दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर सामने से उर्दू में लगे बोर्ड को उल्टा लटका दिया गया है. करीब दस दिनों से लगे इस बोर्ड पर उर्दू में ‘दौरम मधेपुरा’ तो ठीक लिखा है, पर बोर्ड का जो भाग नीचे होना चाहिए वो ऊपर है और जो ऊपर होना था वो नीचे है. स्टेशन पर मौजूद कई लोगों का कहना था कि मधेपुरा रेलवे का हर काम ‘उल्टा-पुल्टा’ ही होता है, ये बोर्ड उल्टा लटका दिया तो कौन सी बड़ी बात है. इनका वश चले तो ये पैसेंजर को भी उल्टा लटका दे.
हालांकि रेलवे से जुड़े कुछ लोगों का कहना था कि ये मजदूर की गलती है जिसे उर्दू पढ़ना नहीं आता होगा. पर सवाल ये उठना लाजिमी है कि क्या बोर्ड लटकाते समय कोई देखरेख करने वाला नहीं था और यदि उल्टा लटक भी गया तो विभाग का ध्यान इसपर अब तक क्यों नहीं गया?
कैमरे के सामने प्रतिक्रिया देने के लिए स्टेशन पर किसी अधिकृत अधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी.
रेलवे की लापरवाही पर एतराज: ‘दौरम मधेपुरा’ लिखा उर्दू का बोर्ड लटकाया उल्टा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 26, 2017
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