“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा ।“
मधेपुरा में कई मामलों में एक बड़ी ही अजीब बात देखी जाती है कि कहीं बोर्ड, शिलापट्ट आदि लगाने और उद्घाटन कर तस्वीरें खिंचवाने में कई लोग आगे रहते हैं, पर उसके बाद मानो उस काम की इतिश्री वहीँ कर दी गई है.
वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा ।“
मधेपुरा में कई मामलों में एक बड़ी ही अजीब बात देखी जाती है कि कहीं बोर्ड, शिलापट्ट आदि लगाने और उद्घाटन कर तस्वीरें खिंचवाने में कई लोग आगे रहते हैं, पर उसके बाद मानो उस काम की इतिश्री वहीँ कर दी गई है.
मधेपुरा के अधिकांश लोगों को शायद ही ये बात भी पता हो कि शहीद शंकर रजक की प्रतिमा स्थल कौन सा है. तो फिर इसे उद्धार की बात कहाँ से आ सकेगी. यकीन मानिए सिर्फ नारे लगाने से न तो व्यक्ति का और न ही समाज या देश का भला हो सकता है.
मधेपुरा जिला मुख्यालय में कॉलेज चौक के पास पेट्रोल पम्प के सामने वाले चौराहे को शंकर चौक कहना निश्चित हुआ था और यहाँ पर बने निर्धारित जगह को शहीद शंकर रजक की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित स्थल चुना गया था. पर वर्तमान स्थिति ये दर्शाने के लिए काफी है कि मधेपुरा में शहीदों के लिए अधिकांश लोग कितना गंभीर है. इस स्थल को लोगों ने विकृत ढंग से अतिक्रमण कर रखा है. शब्जी मंडी और ठेलों ने न सिर्फ इस चौक की सूरत बिगाड़ रखी है बल्कि ये दर्शाने के लिए भी काफी है कि लोग यहाँ प्रस्तावित प्रतिमा को स्थापित होने नहीं देना चाहते हैं.
एक अजीबोगरीब स्थिति तब उत्पन्न हो गई जब सुकमा में शहीद हुए जवानों को स्थानीय शहीद शंकर चौक पर दीप जलाकर श्रद्धांजलि देने भाजपा के जिला प्रवक्ता डॉ. हर्ष सिन्धु यादव तथा अन्य प्रतिमा स्थल पर पहुंचे. अतिक्रमण के कारण नजारा ही कुछ और था. सब्जी मडी और ठेले पर अंडे बेचे जा रहे थे.
डॉ. हर्ष सिन्धु बताते हैं कि कारगिल युद्ध में शहीद हुए स्व. शंकर रजक को लगभग 18 साल हो गए परन्तु प्रशासन द्वारा उनकी प्रतिमा स्थापित करना तो दूर, प्रतिमा स्थल को अतिक्रमण मुक्त नहीं करवाया जा सका. शहीद की प्रतिमा युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा देती है, उन्हें देश पर प्राण न्योछावर करने को उत्साहित करती है. पर मधेपुरा में न तो प्रशासन और न ही उद्घाटनों में आगे बढ़कर तस्वीरें खिंचवाने वाले महानुभाव इसे अपनी जिम्मेवारी समझते हैं. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द शहीद शंकर रजक के प्रतिमा स्थल को अतिक्रमण मुक्त करवाकर उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करवाई जाये नहीं तो भारतीय जनता पार्टी इसके लिए आन्दोलन करेगी.
(नि.सं.)
सुकमा के बहाने: पहचान के संकट से जूझ रहा मधेपुरा का शहीद शंकर प्रतिमा स्थल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 28, 2017
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