
इन सलाहकारों का आरोप है कि हमारे साथ कृषि कार्यालय में दुर्व्यवहार भी किया जाता है। मात्र आठ हजार मासिक मानदेय पर गाँव गाँव घूमकर करते हैं हम काम करते हैं । वेतन मांगने पर कार्यालय से निकल जाने कहा जाता है। हमलोगों से निर्धारित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य भी लिया जाता है। गाँव गाँव जाकर हम किसानो की हितकारी योजनाओं को कार्यान्वित करते हैं लेकिन बदले में हमारा वेतन भी अकारण रोक कर रखा जाता है। पदाधिकारी की तानाशाही से हम तंग आ चुके हैं।
दो दिनों के अन्दर अपने वेतन भुगतान की मांग कर रहे सलाहकारों न बताया कि कोषागार से हमारा वेतन निकाशी किया जा चुका है लेकिन मात्र प्रताड़ित करने की नीयत से भुगतान नहीं किया जा रहा है। हम पर मिटटी जांच कार्य पूर्ण नहीं किये जाने का आरोप लगाया जाता है लेकिन हमारे समन्वयकों ने हमें ग्रिड और सूची ही नहीं दिया है। जिन्होंने काम नहीं किया, ग्रिड नहीं बनाया, उन्हें वेतन का भुगतान कर दिया गया लेकिन हमें वेतन के लिए तरसाया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि किसी कर्मी का अकारण वेतन या मानदेय रोकना न्याय विरुद्ध है, ऐसा न्यायालय का निर्णय है।
बैठक में जिला किसान सलाहकार संघ के जिला अध्यक्ष उमेश कुमार, अमरदीप कुमार, अमरेन्द्र कुमार, संजय कुमार, संजय मल्लिक, मनोज कुमार आदि दर्जनों सलाहकार उपस्थित थे।
किसान सलाहकारों ने वेतन रोके जाने का किया विरोध, करेंगे आन्दोलन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 09, 2017
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