मधेपुरा जिले के मुरलीगंज बाजार में धड़ल्ले से ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली कपडे बेचे जाने का गोरखधंधा का मामला प्रकाश में आया है।
कपड़ो के विभिन्न ब्रांडेड ब्रांडो के स्टिकर बना कर नकली कपड़ो पर चिपका कर ग्राहकों को बेचा जाता
है। राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का क्षति पहुँचती है। एक ही कंपनी के विभिन्न नाम के कपड़े बाजार में अवश्य मिलते हैं ग्राहक यह तय नहीं कर पाते कि कौन असली है और कौन नकली? के एस जनलुलुद्दीन एन्ड कंपनी के होजियरी लुंगी 999 ब्रांड की स्टिकर लगा कर नकली लुंगी बाजार में खुलेआम बिक रही थी। लेकिन आम आदमी को इस बात की भनक तक नही होती थी। क्योकि आम आदमी को असली और नकली का अंतर नही मालूम होता है। जब कंपनी को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने अपने कम्पनी के स्टिकर लगाकर नकली लुंगी बेचने के गौरखधंधे की जाँच कलकत्ता के ऑलवेज डिटेक्टिव एजेंसी को सौंपी गयी । डिटेक्टिव एजेंसी की जाँच टीम ने अपनी जाँच में खुलासा किया कि मुरलीगंज हाटबाज़र स्थित बालाजी
हैंडलूम के थोक व्यापारी संजय अग्रवाल के यहाँ नकली लुंगी को असली कहकर वर्षो से बेच रहा था। यही नहीं संजय अग्रवाल द्वारा इसे होलसेल में बेचा जा रहा था जिसे छातापुर जदिया कुमारखंड बिहारीगंज आलमनगर चौसा जिले भर छोटे व्यापारी कम कीमतों पर लेकर ऊंची कीमतों पर ग्राहकों को दिया करते थे जिसे शनिवार 22 अप्रैल को कलकत्ता से आयी जाँच टीम के द्वारा खुलासा किया गया।मुरलीगंज पुलिस ने संजय अग्रवाल के दुकान में की गयी छापेमारी तो संजय अग्रवाल सहरसा में हुए छापामारी का पता चलते ही दुकान के सारे माल हटा चुका था. शनिवार को डिडेक्टिव एजेंसी के अधिकारी ने मुरलीगंज पुलिस के सहयोग से मुरलीगंज हाटबाजार मारवाड़ी धर्मशाला के बगल के संजय अग्रवाल की थोक दुकान बालाजी हैंडलूम में छापेमारी की ।
एजेंसी के अधिकारी राजेश भारती ने बताया गुप्त सूचना मिली थी कि मुरलीगंज में नकली कपड़ो को असली कहकर बहुत दिनों से बेचीं जा रही थी। जब हमारी जाँच टीम मुरलीगंज के विभिन्न दुकानों में ग्राहक बनकर पहुंची तो पता चला की यहा भारी मात्रा में 999 ब्रांड की लुंगी का स्टिकर लगा कर नकली लुंगी को असली कह कर बेच रहे है । हमारे अनुसन्धान से पता चला की संजय अग्रवाल की बालाजी हैंडलूम दुकान से नकली 999 लुंगी को थोक में सप्लाई की जाती है। जब हम ग्राहक बनकर संजय अग्रवाल की दुकान पर गए तो देखकर दंग रह गए. प्रचुर मात्रा में नकली लुंगियो पर असली ब्रांड 999 के स्टिकर लगा हुआ था । हमलोगो ने वहाँ लुंगी, साडी और गमछी ख़रीदा और भुगतान के बाद बिल की मांग की तो उन्होंने बिल देने से इंकार कर दिए। बिल के लिए दबाव बनाने पर दुप्लीकेट बिल बिना भेट नम्बर का बिल थमाया जिसका सीरियल नम्बर 770 अंकित है और मोबाईल नम्बर 9534319400 अंकित है। ख़रीदे गए कपड़ो को जाँच की गयी तो बिलकुल ही नकली पाया गया।
नकली सामान को असली बता कर बेचने वाले व्यापारी बुरे फंसे: कहावत है सौ दिन चोर का तो एक दिन सैयाद का। यही कहावत चरितार्थ हो गयी कि डिटेक्टिव एजेंसी के अधिकारी के द्वारा सहरसा में की गयी छापेमारी की खबर पा कर व्यापारी संजय अग्रवाल ने जाँच अधिकारियो के द्वारा खरीदी गयी कपड़ो का बिल की छाया को फाड़ कर फेक दिया । जब पुलिस बल के साथ छापेमारी की गयी तो बालाजी हैंडलूम के मालिक संजय अग्रवाल मोका देखते ही फरार हो गया । हालांकि पुलिस ने उस बिल बुक को अपने कब्जे में ले लिया गया है।
कोलकाता के डिटेक्टिव एजेंसी के चीफ राजेश भारती में कहा की इस तरह के कार्यो से कम्पनी के उत्पादों की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगता है साथ ही राज्य सरकार के करोड़ों रुपए के राजस्व की भी चोरी होती है. साथ ही गरीब उपभोगताओं का आर्थिक शोषण होता है। जाँच टीम आपरेशन डायरेक्टर रमन कुमार ने आम उपभोगताओं से अपील किया कि जब भी ख़रीदे तो पक्की रसीद अवश्य ले , इससे आपको नकली सामान नही देगा । कलकत्ता के ऑलवेज डिटेक्टिव सर्विसेस प्रा लि के डायरेक्टर राजेश भारती, टीम आपरेशन एंजॉर्ज रमन कुमार, जाँच अधिकारी सुसांतु सेन, एस एम पाल के साथ कंपनी के तरफ से शिकायतकर्ता संजय कुमार शामिल थे।
एच एस ओ राजेश कुमार ने बताया कि कम्पनी के प्रतिनिधि संजय कुमार एवं जाँच टीम के अधिकारी के द्वारा बालाजी हैंडलूम के मालिक संजय अग्रवाल के खिलाफ थाने में लिखित आवेदन दिया गया है। जांच के बाद ही रहस्य उद्घाटन हो पाएगा कि सच्चाई क्या है और ऐसा प्रतीत होता है मामले में कुछ ना कुछ सामने आएगा. पर एक बात मधेपुरा टाइम्स अपने दम पर कह सकती है कि कोसी में नकली माल का कारोबार कर मालामाल होने वाले धूर्त व्यापारियों की कोई कमी नहीं है.
छापेमारी: नकली सामान बेचकर करोड़पति बने व्यापारियों पर गिर रही गाज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 22, 2017
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