मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र के फुलौत ओपी अंतर्गत फुलौत पश्चिमी में बीते बुधवार को रात्रि गश्ती के दौरान पुलिस ने दो पियक्कड़ को शराब के नशे में धुत्त धर दबोचा.
पर इसके बाद की कहानी काफी मजेदार है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी की नीति का कैसे अधिकारी मजाक बनाते हैं, इस घटना से समझा जा सकता है. दोनों पियक्कड़ों की मेडिकल जांच होने के लिए चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. हद तो तब हो गई जब चौसा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने अपने रिपोर्ट में अल्कोहल नहीं होने की बात लिख डाली. जबकि पियक्कड़ों के मुंह से आ रही बदबू स्पष्ट थी.
इसके बाद थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने उनकी पुन: मेडिकल जांच के लिए उदाकिशनगंज लाया, जहां अल्कोहल होने की पुष्टि हुई. सूत्रों का मानना है कि इस बात को दबाने के लिए पीएचसी के स्टाफ की मिली भगत से हजारों रुपए का लेनदेन हुआ था. पकड़े गए दोनों पियक्कड़ फुलौत पूर्वी के मिथिलेश कुमार यादव तथा रणविजय चौधरी हैं. थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह कार्रवाई करते हुए दोनों को जेल भेज दिया.
हद कर दी डॉक्टर साहब आपने: एक ने कहा ‘नो अल्कोहल’, दूसरे ने ‘यस अल्कोहल’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 30, 2017
Rating:
