
ये बाते स्थानीय कांग्रेस
सासंद रंजीत रंजन ने मृतक जाप नेता मुन्ना यादव के मधेपुरा
जिले के सिंहेश्वर स्थित आवास पर कही । श्री मति रंजन ने कहा कि अब समय आ गया है मोदी के षडयंत्र को समझने का । विश्व में पहली बार किसी देश में 86 प्रतिशत पैसा जो अर्थव्यवस्था को चला रहे थे काला धन के नाम पर बंद कर दिया गया । सवालिया लहजे में कहा कि क्या ब्लाक में कमीशन देना बंद हो गया । हमारे देश में गरीबों को गुमराह करना बहुत आसान हो गया है । पूरा देश लाइन में इसी लिये खडा हो गया है कि जमाखोरों की मोटी
रकम काला धन के रूप में निकलेगा और भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर लगाम लगेगी. क्या आतंकवाद भारतीय नोट से चलता है वह तो डालर और विदेशी मुद्रा से चलता है । भारत के अर्थव्यवस्था में 14 लाख 30 हजार करोड़ रुपये बाजार में चल रहा था । इनको लगा 11 -12 लाख हजार करोड़ बैंक में जमा होंगे तथा
बाकी बचे तीन साढे लाख हजार करोड़ रूपये जमा नही होंगे जो ब्लैक मनी के नाम पर दिखा कर जनता को गुमराह किया जायेगा । अभी तक साढे 13 लाख हजार करोड़ रुपये बैक में जमा हो चुके हैं. अब ज्यादा ही रूपया जमा हो जाने की आशंका के कारण सरकार बैकफुट पर दिखाई दे रही है । नित्य नई घोषणा कर रही है. अब 5 हजार रुपया का ही पुराना नोट बैंक खाते में जमा लेने की घोषणा कर दी गई । नित्य नयी घोषणाओं से लोग असमंजस की स्थिति में है ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि स्थिति सामान्य होने में कम से कम 5 साल लगेंगे । आज अपने ही पैसों के लिए लोग लाईन में खड़े हैं और उन्हें अपना पैसा नही मिल रहा है । भ्रष्ट बैंक कर्मियों के सहयोग से कुछ लोग करोड़ों के नये नोट निकाल रहे हैं । लाइन में खड़े लोग मर रहे हैं, अब तक 120 लोग सिर्फ अपना पैसा निकालने में मर गए । नोटबंदी से व्यावसायिक क्षेत्र 60 से 70 प्रतिशत प्रभावित हुआ है । चेक से भुगतान नही कर पाने
नोट की किल्लत से 23 करोड़ लोगो का जाब जा रहा है । इस नोटबंदी से देश 7 से 8 लाख करोड़ का चूना लगेगा । जबकि सरकार कह रही हैं 2 हजार करोड़ का काला धन बाहर आयेगा ।

सासंद श्रीमती रंजन यही नहीं रूकी और महिलाओं से पूछा कि
पति से बचा कर घर में रखे गृहणियों के पैसे काला धन कैसे हो गए? 2010 में जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था तो इन्ही का पैसा काम आया और हम उस दौर से उबर सके थे । अब इस असफलता को छुपाने के लिए और बडे घराने को लाभ पहुंचाने के लिए कहते पेटीएम करो, रिलायंस करो बीएसएनएल क्यो नही? हमारे देश की 90 प्रतिशत ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था पैसे से चलती है. क्या चाय, पान, सब्जी, दूध डेबिट और क्रेडिट कार्ड से खरीदा और खाया जायेगा । कही नेट फेल हो गया तो चाय पान वाले के यहा बंधक बन कर रहना पडेगा । इसमें पैसा हैक भी हो जाता है, बैंक में पैसा उड गया तो नही मिलेगा । क्योंकि हमारे देश में ऐसा कोई कानून नही है । अब इनके सलाहकार ही इनको ले डूबेंगे. पंजाब और यूपी में तो इनकी लुटिया डूब ही रही है ।
उससे पहले सांसद रंजीत रंजन ने मृतक मुन्ना यादव की और दादी से मिलकर सांत्वना दिया । मौके पर सासंद प्रतिनिधि सह सिंहेश्वर
सरपंच राजीव कुमार, सबैला पंसस मुकेश यादव, पूर्व प्रमुख उपेंद्र नारायण यादव, हैदर अली, मनोज यादव , विभूति सिंह, अरुण यादव, राजेंद्र यादव, गणेश यादव, अजय यादव, युक्ति पासवान, रायजी पासी, राज कुमार, अभय कुमार आदि मौजूद थे ।
‘भ्रष्ट बैंक कर्मियों के सहयोग से कुछ लोग करोड़ों निकाल रहे हैं तो कुछ लाइन में मर रहे है’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 20, 2016
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