मधेपुरा जिला स्थित बिहार का सबसे
प्रसिद्ध बाबा भोले शंकर के मंदिर की देख-रेख के लिए बने सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के बैठक में कई योजनाओं को फिर से लिया गया है.
सिंहेश्वरवासी फिर कुछ नया होगा के इंतजार में टकटकी लगाये
रहेंगे कि क्या न्यास के द्वारा भी कोई समाज ही का काम होगा.
मंदिर परिसर में मरम्मती कार्य होगा :- बैठक में सिंहेश्वर मंदिर के भीतर टूटे-फूटे संगमरमर, तथा बरामदा के रिपेयरिंग, कार्य के लिये 1 लाख 41 हजार रुपये की योजना को मंजूरी दी गई मंदिर के भीतर सभी देवी-देवताओ के लकड़ी के गेट को बदल कर दरवाज़े पर स्टील बीट लगा कर शीशा लगाने की योजना बनाई गई हैं, जिसका प्राक्कलन
बनाने का आदेश जेई को दे दिया गया है.
गर्भ गृह मे शिवलिंग को सुरक्षित करने का निर्णय :- महाशिवरात्रि एवं ऐसे विभिन्न अवसरों पर जब श्रद्धालुओं
की काफी भीड़ होती है तो उस समय सुरक्षा की दृष्टि से सदस्यों ने बाबा के चारों तरफ से स्टील के पाईप के पाईलिंग
लगाने की पूर्व की योजना को फिर से रिमॉडलिंग
किया ताकि भीड़ के बाद इसे आवश्यकता के अनुसार खोल कर हटाया और लगा दिया जायेगा.
बाबा मंदिर से शिवगंगा तक शेड निर्माण :- पूर्व में ही यह योजना बनी गई
थी कि शिव मंदिर से शिवगंगा तक पूर्व की भांति ही शेड बनेगा. बता दें कि पिछला शेड फेलिन के बाद की आंधी में गिर गया था. उसी को देखते हुए इस बार शेड बनाने
में 12
इंच मोटे लोहे का पाईप को पिलर के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. उपर भी मजबूती के लिए स्टील का ही पाईप लगाया जायेगा.
पंडा निवास का होगा कायाकल्प :- बाबा मंदिर से सटे पश्चिम
के तरफ पंडा निवास के भी दिन फिरने वाले हैं. 14 पंडा परिवार के लिए बनाये गये पंडा निवास का भी जीर्णोद्धार
के साथ-साथ शौचालय और बाथरूम का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. साथ ही उन 14 पंडा समाज के प्रतिनिधियों के बच्चे जो संस्कृत विद्यालय
सिंहेश्वर में पढ रहे हैं, उन 15 बच्चो को 500 रूपये
महीने की दर से प्रत्येक को छात्रवृत्ति दी जायेगी.
फूल बेचने वालों को सुसज्जित किया जाएगा :-
मंदिर परिसर में अस्थायी फूल
बेचने वाले दुकानदारों के लिए कटघरा नुमा पक्का दूकान बना कर सलीके से सजाया जायेगा ताकि शाम में दुकान समेटने के बाद वह थके-हारे श्रद्धालुओं के बैठने के काम आ सके.
माता गौरी के मंदिर पर बाउंड्री वाल का घेरा :- वर्षो से अपनी उपेक्षा का दंश झेल रहे पंडा टोला स्थित मां गौरी के मंदिर, जो साल में शिवरात्रि के अवसर पर ही याद किया जाता है, पर इस बार लंबे समय से चल रहे दीवार से घेरने मांग को भी कमिटी ने मान
लिया है. इसके बाउंड्री वॉल के लिए जमीन की नापी कर 5 लाख 10 हजार का प्राक्कलन
तैयार किया गया है. इस बाउंड्री वॉल में दो गेट भी बनाये जायेंगे.
ट्रस्ट कार्यालय का होगा निर्माण :- सदस्यों ने बताया कि सिंहेश्वर
मंदिर ट्रस्ट की जीर्ण स्थिति को देखते हुए नये कार्यालय के निर्माण का निर्णय लिया गया है. ट्रस्ट कार्यालय के पूरब की तरफ खाली जमीन में दो मंजिला न्यास कार्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है. जिसमें नीचे कार्यालय और उपर मीटिंग
हॉल बनाया जायेगा.
विवादित सडकों का भी होगा निर्माण :- बरगद के पेड़ से धन्यवाद गेट तक और प्रतिमा सिंह धर्मशाला से ट्रस्ट के बगल हो कर ब्लाक रोड वाली सडक तक पंचायत से मिट्टी का कार्य तथा
बाक़ी न्यास के द्वारा ढलाई कार्य किया जायेगा.
नि:सहायों को नि:शुल्क चश्मा का वितरण :- 26 जनवरी को न्यास समिति के द्वारा मंदिर परिसर में ही नि:शुल्क शिविर लगा कर आखों से कमजोर गरीब और नि:सहायो लोगों के बीच चश्मा का वितरण किया जायेगा.
शुलभ शौचालय होगा न्यास के अधीन:- बाबा मंदिर के उत्तर बाय पास रोड में बाबा के जमीन पर बने जिला परिषद् के शुलभ शौचालय को न्यास के अधीन करने के लिए जिला परिषद् को पत्राचार करने का निर्णय लिया गया.
शिवगंगा पर बन रहा है चेंज रूम :- शिवगंगा पर महिला श्रद्धालुओं के लिए मुख्य घाट पर दोनों तरफ 10 /10 फीट का एक-एक कमरे का चेंज रूम 1 लाख 12 हजार 1 सौ की लागत से बन रहा है.
लेखापाल पर होगी प्राथमिक दर्ज :- गत बैठक में ही पूर्व लेखापाल सह विधिक लिपिक शिव नारायण मेहता पर 3 लाख 21 हजार 608 रूपये के गबन और संपूर्ण प्रभार नहीं देने केआरोप मे तीन दिन का समय देते हुऐ प्रभार और राशि नहीं जमा करने पर अपराधिक मामले में प्राथमिकी
दर्ज करने का निर्णय लिया गया था. उसी निर्णय को फिर से इस बैठक में लिया गया. अब देखना है इस बैठक के बाद इस मामले में क्या
सही में कुछ हो पाता है या इसे लम्बे खींचे जाने की बात होती है.
मेला ग्राउंड के सभी वृक्षों पर अंकित होगा नंबर :- गत बैठक में ही निर्णय लिया गया था कि न्यास में जितने वृक्ष हैं, सभी वृक्षों पर नंबर प्लेट लगाया
जाएगा. साथ इस बैठक में नंबर प्लेट के साथ साथ चूना
पुताई का भी निर्णय लिया गया । वही महाशिवरात्रि के कारण मंदिर के रंगाई पोताई के का भी काम करने का निर्णय लिया गया है.
धन्यवाद गेट के
जीर्णोद्धार की योजना :- शिवरात्रि मेला का प्रवेश द्वार जहाँ हर बार मेला के उद्घाटन कर्ता को गार्ड आफ ऑनर दिया जाता है, उस जगह पर भी गेट बनाने पर विचार किया गया ताकि मेले के भव्यता को नया रूप दिया जा सके.
बाबा सिंहेश्वर धाम: जानें कैसे बदलने वाली है यहाँ की सूरत और क्या होगा नया ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 31, 2016
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