सुनहले सपने हुए ख़ाक: फिर विवाहिता चढ़ी दहेज़ की बलिवेदी

मधेपुरा जिले में आज फिर एक विवाहिता दहेज की बलि चढ गई. पैसे के लालची कब तक दहेज के लिए बहु बेटियों को मौत बांटते रहेंगे और कैसे इन घटनाओं पर लगाम लगेगी, सोचने का वक्त है.
     मिली जानकारी के अनुसार तमुआ छातापुर निवासी मृतका बबीता देवी अपने मां-बाप का घर छोड़ कर सुनहले सपनों के साथ रायभीड शंकरपुर के दिलखुश यादव के साथ विवाह कर चली आई. लेकिन उस मासूम को क्या मालूम था कि दहेज के लोभी उसे जहर देकर मार कर लाश को जला देगे. इस मामले में मृतका के पिता ने शादी के बाद से ही दहेज की मांग की बात से सम्बंधित आवेदन थाना में दिया था.
    हालांकि इस मामले को लेकर गाँव में तरह-तरह की चर्चा है. कुछ लोगों का कहना है महिला को बाल-बच्चा नही होता था इसलिए जहर खा लिया. पर लाश को आनन-फानन में जला देना इस बात की आशंका को बल देता है कि बबीता के साथ सबकुछ ठीक नहीं था. वैसे भी किसी महिला को संतान नहीं होने पर यदि उसे पति का संबल मिलता है तो वह कोई बड़ा कदम नहीं उठा पाती है.
   मामला जो हो एक बेटी असमय ही इस निरंकुश समाज की बलि चढ़ा दी गई है.  हालांकि मामले में शंकरपुर थाना मे मृतका के आवेदन पर कांड संख्या 59 /16 दर्ज कर लिया गया है और सच्चाई के तह में जाने के लिए मामले की जांच की जा रही है.
सुनहले सपने हुए ख़ाक: फिर विवाहिता चढ़ी दहेज़ की बलिवेदी सुनहले सपने हुए ख़ाक: फिर विवाहिता चढ़ी दहेज़ की बलिवेदी  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 01, 2016 Rating: 5

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