"बड़े बड़े परिवार मिटें यों,
एक न हो रोनेवाला,
हो जाएँ सुनसान महल वे,
हो जाएँ सुनसान महल वे,
जहाँ थिरकतीं सुरबाला,
राज्य उलट जाएँ,
राज्य उलट जाएँ,
भूपों की भाग्य सुलक्ष्मी सो जाए,
जमे रहेंगे पीनेवाले,
जमे रहेंगे पीनेवाले,
जगा करेगी मधुशाला."
भारत के दिग्गज कवि और महानायक अमिताभ बच्चन के स्वर्गीय पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने उपर्युक पंक्तियाँ बड़ी सोच समझ कर लिखी थी कि राज्य भले उलट जाएँ, पर पीने वाले जमे रहेंगे.
देशी शराब के पूर्णतः बंदी के बाद विदेशी शराब की दुकान शनिवार को सुपौल मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक रोड में खुली. जहां शराब खरीदने हेतु इसके शौकीन लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. उन्होंने बाहें फैलाकर नई दूकान का स्वागत किया.
नगर परिषद क्षेत्र में पहली दुकान खुलने की खबर जंगल के आग की तरह फैल गयी और काफी संख्या में लोग शराब खरीदने के लिए दुकान पर जमा हो गये. स्थिति यह थी कि दुकान के सामने खरीददारों की लंबी कतार लग गयी.
लोगों के हुजूम को देखते हुए उत्पाद विभाग के कर्मचारी को स्थानीय पुलिस की सहायता लेनी पड़ी. सदर थाना से पहुंचे पुलिस पदाधिकारी ने लोगों को कतारबद्ध कर मौके पर दो जवानों को तैनात कर दिया.
शुरुआती दौर में शराब दुकान में दो कर्मचारी देखे गये. लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण समाचार प्रेषण तक उक्त दुकान में करीब दर्जन भर कर्मचारियों को बिक्री के लिए लगाया गया है.
गौरतलब है कि सरकार के निर्देश पर शराब बंदी लागू होने के बार शुक्रवार को शहर में पूर्णतः शराब की बिक्री बाधित रही. इस वजह से शराब के शौकीन कई लोग देर शाम तक शराब की खोज में इधर-उधर भटकते नजर आये. वहीं पुलिस एवं उत्पाद विभाग की नाकेबंदी के कारण शुक्रवार की शाम शहर की सभी प्रमुख सड़कें वीरान नजर आयी. हालांकि नगर परिषद क्षेत्र में आठ सरकारी शराब की दुकान एवं एक स्वतंत्र बीयर बार संचालित होना है. कुछ कारणों से शेष दुकानों का संचालन अब तक नहीं हो पाया है. शनिवार को केवल एक दुकान पर शराब की बिक्री शुरू हुई. पर उम्मीद पर दुनियां टिकी हुई है. 'कोई फरक नहीं अलबत्ता' का गाना गा रहे एक शराबी ने कहा, 'लगाते रहो अपनी बुद्धि, क्या पढ़ा नहीं है, 'जहाँ चाह वहां राह?"
भारत के दिग्गज कवि और महानायक अमिताभ बच्चन के स्वर्गीय पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने उपर्युक पंक्तियाँ बड़ी सोच समझ कर लिखी थी कि राज्य भले उलट जाएँ, पर पीने वाले जमे रहेंगे.
देशी शराब के पूर्णतः बंदी के बाद विदेशी शराब की दुकान शनिवार को सुपौल मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक रोड में खुली. जहां शराब खरीदने हेतु इसके शौकीन लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. उन्होंने बाहें फैलाकर नई दूकान का स्वागत किया.
नगर परिषद क्षेत्र में पहली दुकान खुलने की खबर जंगल के आग की तरह फैल गयी और काफी संख्या में लोग शराब खरीदने के लिए दुकान पर जमा हो गये. स्थिति यह थी कि दुकान के सामने खरीददारों की लंबी कतार लग गयी.
लोगों के हुजूम को देखते हुए उत्पाद विभाग के कर्मचारी को स्थानीय पुलिस की सहायता लेनी पड़ी. सदर थाना से पहुंचे पुलिस पदाधिकारी ने लोगों को कतारबद्ध कर मौके पर दो जवानों को तैनात कर दिया.
शुरुआती दौर में शराब दुकान में दो कर्मचारी देखे गये. लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण समाचार प्रेषण तक उक्त दुकान में करीब दर्जन भर कर्मचारियों को बिक्री के लिए लगाया गया है.
गौरतलब है कि सरकार के निर्देश पर शराब बंदी लागू होने के बार शुक्रवार को शहर में पूर्णतः शराब की बिक्री बाधित रही. इस वजह से शराब के शौकीन कई लोग देर शाम तक शराब की खोज में इधर-उधर भटकते नजर आये. वहीं पुलिस एवं उत्पाद विभाग की नाकेबंदी के कारण शुक्रवार की शाम शहर की सभी प्रमुख सड़कें वीरान नजर आयी. हालांकि नगर परिषद क्षेत्र में आठ सरकारी शराब की दुकान एवं एक स्वतंत्र बीयर बार संचालित होना है. कुछ कारणों से शेष दुकानों का संचालन अब तक नहीं हो पाया है. शनिवार को केवल एक दुकान पर शराब की बिक्री शुरू हुई. पर उम्मीद पर दुनियां टिकी हुई है. 'कोई फरक नहीं अलबत्ता' का गाना गा रहे एक शराबी ने कहा, 'लगाते रहो अपनी बुद्धि, क्या पढ़ा नहीं है, 'जहाँ चाह वहां राह?"
(वि.सं.)
मधुशाला पर सुरा के शौकीनों की उमड़ी भीड़: जंगल के आग की तरह फ़ैल रही नई शराब दुकान खुलने की खबर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 02, 2016
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