पुरैनी पुलिस की करतूत के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूटा: पहुंचे वरीय पदाधिकारी के सामने लोगों ने की थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग
मधेपुरा के एक पुलिस अधिकारी का विवाद से चोली-दामन का रिश्ता रहा है. इनके कार्यक्षेत्र की जनता हमेशा इनके खिलाफ शिकायतों की झड़ी लगाते रहे हैं. वर्तमान में मधेपुरा जिले के पुरैनी थानाध्यक्ष एकरार अहमद खान की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो उठे हैं.
हाल के दिनों में कई मामलों में जहाँ पुरैनी थानाध्यक्ष द्वारा आरोपी को दो से चार दिनों तक हाजत में रखने की बात सामने आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बीते 3 अप्रैल की रात्रि में थानाक्षेत्र के दुर्गापुर पंचायत अन्तर्गत धाना बासा निवासी पवन शर्मा के घर हुई चोरी की वारदात के बाद पीड़ित के द्वारा दिये गये आवेदन और उसके उपरान्त पुरैनी पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही पर ग्रामीणों नें सवाल खड़े किये है. ग्रामीणों का कहना है की पुरैनी थानाध्यक्ष द्वारा जबरन गांव के कई लोगों को उक्त घटना में शक के आधार पर नाहक परेशान कर दलालों के माध्यम से जबरन पैसे की वसूली की गयी है.
ग्रामीणों के आरोप के मुताबिक़ थानाक्षेत्र के दुर्गापुर पंचायत अन्तर्गत धाना बासा में 3 तारीख दिन मंगलवार की रात्रि में पवन शर्मा के घर में अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की जाती है. पीड़ित द्वारा अगले दिन बुधवार को पुरैनी थाना में अज्ञात चोरों के खिलाफ आवेदन दिया जाता है. पुरैनी थानाध्यक्ष तत्परता दिखाते है और उसी रात्रि में उक्त टोले से दो व्यक्ति रूपेश सहनी और मुन्ना शर्मा को गिरफ्तार कर थाना लाती है. फिर कई ग्रामीणों के आरोपों के अनुसार थाना के दलाल व पुलिस मित्र मुन्ना यादव के माध्यम से रूपेश सहनी से 5 हजार रूपये लेकर उसे छोड़ दिया जाता है. फिर 5 तारिख की सुबह में खाना लेकर पहुँचे मुन्ना शर्मा के भाई मिथिलेश शर्मा को भी पकड़कर हाजत में बंद कर दिया जाता है और देर संध्या में उसी पुलिस मित्र के माध्यम से 10 हजार लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. आरोप यह भी है कि वहीं सोनामुखी से गिरफ्तार कर लाये उसी टोले के प्रकाश सहनी से पूछताछ के बाद थाना में विधिक सलाहकार रहने वाले अरूण पोद्दार के माध्यम से 11 हजार रूप्ये लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. फिर उसी टोले के प्रमोद सहनी को इस मामले में घसीटने के नाम पर कथित दलाल मुन्ना यादव के माध्यम से 5 हजार लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. इसके पश्चात 6 तारिख को पुनः रूपेश सहनी को बुलाकर हाजत में बंद कर दिया जाता है.
इतना ही नहीं, ग्रामीणों द्वारा बताई गई इसके बाद की कहानी और भी अजीब है. बीते मध्य रात्रि में थानाध्यक्ष पुलिस बलों के साथ टोला पहुंचकर ओमप्रकाश शर्मा को ढूँढने के नाम पर कई लोगों के घर घुसकर महिलाओं वगैरह से भी मारपीट करती है. जिसके विरोध में हल्ला होने पर सम्पूर्ण टोले की महिलाये एकजुट होकर रात्रि में ही लाठी, झाडू आदि लेकर पुलिस बलों पर टूट पड़ती है. जान आफत में देख पुलिस बल व थानाध्यक्ष अम्भो बासा की ओर भागने के क्रम में ग्रामीणों को पीछा करते देख 3 राउन्ड गोली भी चलाती है. भागने के क्रम में पुलिस का रास्ते में गिरा 3 जिन्दा कारतूस भी ग्रामीणों के हाथ लगा है. वहीं ग्रामीणों के आक्रोशित तेवर की जानकारी मिलते ही आनन फानन में थानाध्यक्ष द्वारा दोनों गिरफ्तार आरोपी को गुरूवार को जेल भेज दिया गया.
उपर्युक्त घटित मामले के विरोध में टोले के समस्त ग्रामीण गुरूवार की सुबह थाना का घेराव करने पर उतारू थी. लेकिन दर्जनों पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा यह कहे जाने पर की उक्त मामले की जांच हेतु वरीय पुलिस पदाधिकारी स्थल पर पहुंचेंगे, तब ग्रामीण टोले के बजरंग बली स्थान में आकर घंटों जमे रहे और थानाध्यक्ष के खिलाफ नाराबाजी करते हुए थानाध्यक्ष के निलंबन एवं कथित दलालों पर मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे.
स्थल पर पहुंचे एसडीपीओ उदाकिशुनगंज रहमत अली, इन्सपेक्टर सुरेश प्रसाद राम, प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश सिंह, जद्यू प्रखंड अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार, मुखिया दिनेश शर्मा, दिलीप कुमार, पूर्व मुखिया गणेश मंडल, आलोक राज, मनोज यादव, अशोक झा, प्रकाशचन्द्र यादव, बेचन मंडल, अरविन्द मंडल, जवाहर मंडल आदि सहित दर्जनों अन्य के द्वारा लगभग 6 घंटे तक अथक प्रयास किये जाने पर तथा एसडीपीओ द्वारा थानाध्यक्ष पर कारवाई किये जाने के आश्वासन पर ग्रामीण माने. तत्पश्चात पुरैनी थाना पहुंचे एसडीपीओ व इन्सपेक्टर द्वारा थानाध्यक्ष से पूछताछ के बाद कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि 4 तारिख की घटना की जानकारी आपके द्वारा अबतक वरीय पदाधिकारी को किस परिस्थिति में नहीं दी गयी? उन्होनें यह भी कहा कि आप अपनी कार्यशैली में सुधार लायें वरना कड़ी कारवाई के लिये तैयार रहे.
इस बाबत एसडीपीओ रहमत अली नें बताया कि ग्रामीण एवं थानाध्यक्ष से मामले की पूरी जानकारी ले ली गयी है. प्रतिवेदन के माध्यम से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा.
हाल के दिनों में कई मामलों में जहाँ पुरैनी थानाध्यक्ष द्वारा आरोपी को दो से चार दिनों तक हाजत में रखने की बात सामने आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बीते 3 अप्रैल की रात्रि में थानाक्षेत्र के दुर्गापुर पंचायत अन्तर्गत धाना बासा निवासी पवन शर्मा के घर हुई चोरी की वारदात के बाद पीड़ित के द्वारा दिये गये आवेदन और उसके उपरान्त पुरैनी पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही पर ग्रामीणों नें सवाल खड़े किये है. ग्रामीणों का कहना है की पुरैनी थानाध्यक्ष द्वारा जबरन गांव के कई लोगों को उक्त घटना में शक के आधार पर नाहक परेशान कर दलालों के माध्यम से जबरन पैसे की वसूली की गयी है.
ग्रामीणों के आरोप के मुताबिक़ थानाक्षेत्र के दुर्गापुर पंचायत अन्तर्गत धाना बासा में 3 तारीख दिन मंगलवार की रात्रि में पवन शर्मा के घर में अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की जाती है. पीड़ित द्वारा अगले दिन बुधवार को पुरैनी थाना में अज्ञात चोरों के खिलाफ आवेदन दिया जाता है. पुरैनी थानाध्यक्ष तत्परता दिखाते है और उसी रात्रि में उक्त टोले से दो व्यक्ति रूपेश सहनी और मुन्ना शर्मा को गिरफ्तार कर थाना लाती है. फिर कई ग्रामीणों के आरोपों के अनुसार थाना के दलाल व पुलिस मित्र मुन्ना यादव के माध्यम से रूपेश सहनी से 5 हजार रूपये लेकर उसे छोड़ दिया जाता है. फिर 5 तारिख की सुबह में खाना लेकर पहुँचे मुन्ना शर्मा के भाई मिथिलेश शर्मा को भी पकड़कर हाजत में बंद कर दिया जाता है और देर संध्या में उसी पुलिस मित्र के माध्यम से 10 हजार लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. आरोप यह भी है कि वहीं सोनामुखी से गिरफ्तार कर लाये उसी टोले के प्रकाश सहनी से पूछताछ के बाद थाना में विधिक सलाहकार रहने वाले अरूण पोद्दार के माध्यम से 11 हजार रूप्ये लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. फिर उसी टोले के प्रमोद सहनी को इस मामले में घसीटने के नाम पर कथित दलाल मुन्ना यादव के माध्यम से 5 हजार लेकर उसे भी छोड़ दिया जाता है. इसके पश्चात 6 तारिख को पुनः रूपेश सहनी को बुलाकर हाजत में बंद कर दिया जाता है.
इतना ही नहीं, ग्रामीणों द्वारा बताई गई इसके बाद की कहानी और भी अजीब है. बीते मध्य रात्रि में थानाध्यक्ष पुलिस बलों के साथ टोला पहुंचकर ओमप्रकाश शर्मा को ढूँढने के नाम पर कई लोगों के घर घुसकर महिलाओं वगैरह से भी मारपीट करती है. जिसके विरोध में हल्ला होने पर सम्पूर्ण टोले की महिलाये एकजुट होकर रात्रि में ही लाठी, झाडू आदि लेकर पुलिस बलों पर टूट पड़ती है. जान आफत में देख पुलिस बल व थानाध्यक्ष अम्भो बासा की ओर भागने के क्रम में ग्रामीणों को पीछा करते देख 3 राउन्ड गोली भी चलाती है. भागने के क्रम में पुलिस का रास्ते में गिरा 3 जिन्दा कारतूस भी ग्रामीणों के हाथ लगा है. वहीं ग्रामीणों के आक्रोशित तेवर की जानकारी मिलते ही आनन फानन में थानाध्यक्ष द्वारा दोनों गिरफ्तार आरोपी को गुरूवार को जेल भेज दिया गया.
उपर्युक्त घटित मामले के विरोध में टोले के समस्त ग्रामीण गुरूवार की सुबह थाना का घेराव करने पर उतारू थी. लेकिन दर्जनों पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा यह कहे जाने पर की उक्त मामले की जांच हेतु वरीय पुलिस पदाधिकारी स्थल पर पहुंचेंगे, तब ग्रामीण टोले के बजरंग बली स्थान में आकर घंटों जमे रहे और थानाध्यक्ष के खिलाफ नाराबाजी करते हुए थानाध्यक्ष के निलंबन एवं कथित दलालों पर मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे.
स्थल पर पहुंचे एसडीपीओ उदाकिशुनगंज रहमत अली, इन्सपेक्टर सुरेश प्रसाद राम, प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश सिंह, जद्यू प्रखंड अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार, मुखिया दिनेश शर्मा, दिलीप कुमार, पूर्व मुखिया गणेश मंडल, आलोक राज, मनोज यादव, अशोक झा, प्रकाशचन्द्र यादव, बेचन मंडल, अरविन्द मंडल, जवाहर मंडल आदि सहित दर्जनों अन्य के द्वारा लगभग 6 घंटे तक अथक प्रयास किये जाने पर तथा एसडीपीओ द्वारा थानाध्यक्ष पर कारवाई किये जाने के आश्वासन पर ग्रामीण माने. तत्पश्चात पुरैनी थाना पहुंचे एसडीपीओ व इन्सपेक्टर द्वारा थानाध्यक्ष से पूछताछ के बाद कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि 4 तारिख की घटना की जानकारी आपके द्वारा अबतक वरीय पदाधिकारी को किस परिस्थिति में नहीं दी गयी? उन्होनें यह भी कहा कि आप अपनी कार्यशैली में सुधार लायें वरना कड़ी कारवाई के लिये तैयार रहे.
इस बाबत एसडीपीओ रहमत अली नें बताया कि ग्रामीण एवं थानाध्यक्ष से मामले की पूरी जानकारी ले ली गयी है. प्रतिवेदन के माध्यम से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा.
पुरैनी पुलिस की करतूत के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूटा: पहुंचे वरीय पदाधिकारी के सामने लोगों ने की थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 07, 2016
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