मधेपुरा में पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है, पर कहीं-कहीं प्रशासनिक लापरवाही प्रत्याशियों और वोटरों के माथे पर बल उत्पन्न कर रहा है.
जिले के पुरैनी प्रखंड में चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद जब प्रत्याशियों के द्वारा हैंडबिल छपवाकर मतदाताओं के बीच प्रचार प्रसार प्रारम्भ हुआ तो एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया. दरअसल चुनाव चिन्ह आवंटन के दौरान निर्वाची पदाधिकारी पुरैनी के द्वारा गणेशपुर पंचायत के पंचायत समिति क्षेत्र. सं० 08 से चुनाव लड़ रहे कुल 13 प्रत्याशियों में से जहाँ पवन कुमार झा को क्रमांक 6 के तहत डोली छाप आबंटित किया गया वहीं क्रमांक 12 पर रहने वाले प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल को चुनाव चिन्ह डीजल पंप छाप आबंटित करते हुए क्रमांक 6 ही दे दिया गया. दोनों प्रत्याशियों द्वारा क्रमांक 6 को दर्शाते हुए हैंडबिल भी छपवा लिया गया. एक में जहाँ क्रमांक 6 पर डोली छाप तो दूसरे में क्रमांक 6 पर डीजल पंप चुनाव चिन्ह को देख कई जानकार मतदाताओं द्वारा जब इसका खुलासा किया गया और इसकी शिकायत जब निर्वाची पदाधिकारी से की गई तो आनन-फानन में प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल को बुलाकर उसे समझा बुझाकर उसमें सुधार कर मामले को शांत किया गया.
वहीं प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल का कहना है कि निर्वाची पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से हमें मानसिक और आर्थिक क्षति तो हुई ही साथ ही शारीरिक परेशानी भी झेलनी पड़ेगी. अब हमें पुनः नये हैंडबिल छपवाकर अपने क्षेत्र में नये सिरे से जहां चुनाव प्रचार करना पड़ रहा है, वहीं पदाधिकारी के गलती का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है.
जिले के पुरैनी प्रखंड में चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद जब प्रत्याशियों के द्वारा हैंडबिल छपवाकर मतदाताओं के बीच प्रचार प्रसार प्रारम्भ हुआ तो एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया. दरअसल चुनाव चिन्ह आवंटन के दौरान निर्वाची पदाधिकारी पुरैनी के द्वारा गणेशपुर पंचायत के पंचायत समिति क्षेत्र. सं० 08 से चुनाव लड़ रहे कुल 13 प्रत्याशियों में से जहाँ पवन कुमार झा को क्रमांक 6 के तहत डोली छाप आबंटित किया गया वहीं क्रमांक 12 पर रहने वाले प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल को चुनाव चिन्ह डीजल पंप छाप आबंटित करते हुए क्रमांक 6 ही दे दिया गया. दोनों प्रत्याशियों द्वारा क्रमांक 6 को दर्शाते हुए हैंडबिल भी छपवा लिया गया. एक में जहाँ क्रमांक 6 पर डोली छाप तो दूसरे में क्रमांक 6 पर डीजल पंप चुनाव चिन्ह को देख कई जानकार मतदाताओं द्वारा जब इसका खुलासा किया गया और इसकी शिकायत जब निर्वाची पदाधिकारी से की गई तो आनन-फानन में प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल को बुलाकर उसे समझा बुझाकर उसमें सुधार कर मामले को शांत किया गया.
वहीं प्रत्याशी राजेन्द्र मंडल का कहना है कि निर्वाची पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से हमें मानसिक और आर्थिक क्षति तो हुई ही साथ ही शारीरिक परेशानी भी झेलनी पड़ेगी. अब हमें पुनः नये हैंडबिल छपवाकर अपने क्षेत्र में नये सिरे से जहां चुनाव प्रचार करना पड़ रहा है, वहीं पदाधिकारी के गलती का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है.
लापरवाही: प्रत्याशी दो चुनाव चिन्ह अलग लेकिन क्रमांक एक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 16, 2016
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