भारतीय भाषा संस्थान के मैथिली भाषा विशेषज्ञ बने डॉ. रामनरेश

बीएनएमयू, मधेपुरा के सहरसा पीजी सेंटर के मैथिली के विभागाध्यक्ष सह सिंडिकेट और सीनेट सदस्य डॉ. रामनरेश सिंह को भारत सरकार ने भारतीय भाषा संस्थान मैसूर का सदस्य मनोनीत किया है.
      भारत सरकार के मानव संसााधन विकास मंत्रालय ने डॉ  सिंह को संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में मैथिली के विशेषज्ञ के रूप में मनोनयन किया है.
        एचआरडी के डिप्टी सेक्रेटरी आर सीतारामा मुर्थि द्वारा भेजे गये ज्ञापांक 8-52. 2012 एलटू दिनांक 22 मार्च 2016 में यह जानकारी दी.  संविधान के आटवीं अनुसूची में शामिल भाषा साहित्य के विकास के लिए बिहार से एक मात्र डॉ सिंह का मनोनयन से कोसी क्षेत्र को पीएम नरेंद्र मोदी और षिक्षा मंत्री स्मृति इरानी ने गौरवान्वित किया है. सदस्य के रूप में डॉ. सिंह बडे पैमाने पर भारतीय भाषा की पुस्तकों की खरीद, छोटे पत्रिकाओं का प्रकाशन, भाषा साहित्य से जुडे स्वयंसेवी संस्थानों का विकास और वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मान देने में अपनी भागीदारी देंगे.  जिससे सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के आंदोलन को तेज किया जा सके. डॉ रामनरेश सिंह हिन्दी और मैथिली में कई पुस्तकों के रचयिता हैं और लोक देवता कारू खिरहरी सहित आध्यात्मिक संतों के बारे में इनको गहन अध्ययन है. 
       डॉ  सिंह जिले के बिहारीगंज प्रखंड के मोहनपुर गांव और सहरसा जिले के पस्तपार गांव के निवासी हैं.  स्व अमरनाथ सिंह और श्रीमती काली देवी के पुत्र डॉ रामनरेष सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा के बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं.
(नि.सं.)
भारतीय भाषा संस्थान के मैथिली भाषा विशेषज्ञ बने डॉ. रामनरेश भारतीय भाषा संस्थान के मैथिली भाषा विशेषज्ञ बने डॉ. रामनरेश Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 15, 2016 Rating: 5

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