
प्रमोद बाबा ने पंद्रह दिनों के लिए जमीन के अन्दर कथित समाधि ली है और अगले 13 मार्च को बाबा के भू-समाधि से बाहर आने की बात उनके भक्त बताते हैं. समाधि-स्थल पर देखने वालों की भीड़ लगी रहती है और सबकी जुबान पर बस एक ही चर्चा है कि बाबा जिन्दा निकलेंगे या नहीं?
मामला धर्म से जुड़ा हुआ है और इस मामले में कोई बहुत कुछ बोलने से परहेज करता है. प्रमोद बाबा बाबा 13 मार्च को यदि जिन्दा निकलते हैं तो उनके भक्तों का दावा सच होगा और बाबा के भक्तों की संख्यां में भी वृद्धि दर्ज होगी जो बाबा और उनके ‘क्लोज सर्किल’ के भक्तों के लिए ‘लाभकारी’ होगा. आडम्बर युक्त धर्म और धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने वालों का झंडा बुलंद होगा. लेकिन अगर बाबा जिन्दा नहीं निकलते हैं तो जबाबदेही कौन लेगा? हालंकि बाबा के भक्तों को बाबा पर अटूट विश्वास है कि बाबा बाहर निकलेंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे. बाबा के भक्तों का यह भी दावा है कि बाबा ने 12 साल से न कुछ खाया है और न ही कुछ

प्रमोद बाबा के भू-समाधि लेने पर प्रशासन काफी गंभीर है. बीते मंगलवार को उदाकिशुनगंज अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन प्रमोद बाबा को जमीन के अंदर से निकालने गई. पर लगा आयोजनकर्ताओं ने वहां मौजूद भक्तों को सिखा-पढ़ा रखा है. जैसे ही प्रशासन बाबा को निकालने की बात करती है, मौजूद भक्तगण शोर मचाना और विरोध करना शुरू कर देते हैं. उस दिन भी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रहमत अली, चौसा थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह एवं सैन्य बल को बैरंग वापस लौटना पड़ा. प्रशासन भी धार्मिक मामले में विरोध करना नहीं चाहती है, पर कोई पदाधिकारी प्रमोद बाबा के इस बेदिमागी कदम को सही नहीं कह रहा है.
कौन है प्रमोद बाबा, जिसने प्रशासन की नाक में कर रखा है दम?: प्रमोद यादव उर्फ प्रमोद बाबा मूल रूप से पूर्णिया जिले के रूपौली प्रखंड के ग्राम पंचायत लाठी के बलुआ ग्राम निवासी हैं. बाबा पिता उपेन्द्र यादव माता पंचा देवी समेत भक्तों का दावा है कि प्रमोद बाबा पिछले 12 साल से अन्न जल ग्रहण किये बगैर ही आज तक रह रहे हैं. 24 घटे में केवल एक बार एक गिलास दूध पीते हैं. पर भक्तों के अनुसार इस बार जमीन के अन्दर बाबा बाबा न तो दूध, न जल और न ही हवा ही ले रहे हैं. ये अलग बात है कि हमारी तफ्शीश में जो गड्ढा किया गया है, उसपर से बांस की चचरी डाल कर कपड़ा बिछा कर मिटटी डाला दिया गया और इसकी बनावट बाबा और उनके भक्तों ने वैज्ञानिक तरीके से की है ताकि ऑक्सीजन मिलता रहे. बाबा की समाधि स्थल पर 24 घंटे का रामायण पाठ एवं भजन कीर्तन किया जाता है. दर्शन के लिए आये भक्तों को दो बार प्रसाद एवं एक बार चाय भी नसीब हो रही है, जाहिर है भक्तों की संख्यां बढ़ेगी ही.
पीपली लाइव का नत्था बन गए प्रमोद बाबा: इस बीच मीडिया का भी जमावड़ा बाबा की समाधी स्थल पर खूब

बाबा की कथित समाधि के बावत अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार कहते हैं कि प्रमोद बाबा ने जमीन के अंदर समाधि बगैर प्रशासन के अनुमति के ली है जो सरकारी नियम के विरूद्ध है. चौसा थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह भी बाबा की इस समाधि के खिलाफ हैं, कहते हैं यदि बाबा को कुछ हुआ तो फिर उनके सहयोगियों को मुकदमा झेलना पड़ेगा. (ब्यूरो रिपोर्ट)
मधेपुरा का प्रमोद बाबा यानि ‘पीपली लाइव’ का नत्था: क्या जमीन से निकलेंगे जिन्दा?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 08, 2016
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