मधेपुरा: सैंकड़ों बच्चे चेचक की चपेट में, दैवीय प्रकोप मानकर इलाज नहीं करा रहे ग्रामीण

मधेपुरा जिले के चौसा  प्रखंड के चिरौरी पंचायत के भवनपुरा बासा में सैकड़ों बच्चे खसरा (चेचक) की चपेट में आ चुके है. स्थिति यह है कि समय पर इन बच्चों का इलाज नहीं हुआ तो यह महामारी का रूप ले सकता है. खसरे से पीड़ित बच्चों के चेहरे पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आए हैं. पीड़ित परिवार इसे भगवान का रूप मानकर इलाज कराने के बदले घर में पीड़ित बच्चे की सेवा कर रहें हैं. जानकारी के अनुसार पिछले एक माह के दौरान चेचक का प्रकोप पूरे गांव में फ़ैल गया है, लेकिन गांव के लोग अभी बच्चों का इलाज चिकित्सक से कराने को तैयार नहीं हैं. 
          ग्रामीण चेचक को दैवीय प्रकोप मानकर पीड़ित बच्चे की सेवा कर रहे है. यह बात तब सामने आई जब स्थानीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में अनायास बच्चों की उपस्थिति कम होने लगी. प्रधानाध्यापक गौतम कुमार गुप्त ने बच्चों की कम उपस्थिति पर गाँव का भ्रमण किया तो पता चला कि प्रत्येक घर में दो चार बच्चे चेचक से आक्रांत हैं. पूरे गाव में चेचक ने महामारी का रूप अख्तियार कर लिया है. स्कूल के एचएम ने बताया कि इस आधुनिक युग में भी अभिभावक कुप्रथा से ग्रसित हैं. चेचक को लोग आज भी दैवीय रूप मानकर सेवा कर रहे है. बताया जाता है कि पीड़ित परिवार बच्चों को इलाज कराने के बजाय इसे मा भगवती का रूप मानकर बच्चों को बिना हल्दी का भोजन करा घरेलू उपचार कर रहें हैं.

       भवनपुरा बासा में पिछले एक माह के दौरान 5 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के सैकड़ों बच्चे चेचक की चपेट में आ चुके हैं. चेचक के चपेट में आए बच्चों में बादल कुमार 10 वर्ष, बुद्धन कुमार 11 वर्ष, सतीश कुमार, 10 वर्ष, अनुज कुमार 12 वर्ष, गुड्डू कुमार 6 वर्ष,मनीष कुमार 6 वर्ष, ऋचा कुमारी 8 वर्ष, नेहा कुमारी 8 वर्ष, विकास कुमार 10 वर्ष, सोनू कुमार 6 वर्ष, रंधीर कुमार 10 वर्ष, दिलीप कुमार 12 वर्ष, सुजीत कुमार 7 वर्ष, राहुल कुमार 7 वर्ष, सोमन कुमार 10 वर्ष,अमित कुमार 12 वर्ष, प्रदीप कुमार 11 वर्ष,आशीष कुमार 8 वर्ष, धनंजय कुमार 8 वर्ष, हीना कुमारी 6 वर्ष, जुली कुमारी 7 वर्ष, साक्षी कुमारी 7 वर्ष, मौसम कुमारी 7 वर्ष, ज्योति कुमारी 7 वर्ष, प्रीति कुमारी 10 वर्ष, सोनी कुमारी 12 वर्ष, पिंकी कुमारी 6 वर्ष, निक्की कुमारी 8 वर्ष,अंजन कुमारी 7 वर्ष, ब्यूटी कुमारी 7 वर्ष, शिवानी कुमारी 7 वर्ष, राम कुमार 10 वर्ष, केवल कुमार 15 वर्ष, प्रीतम कुमारी 13 वर्ष, नेहा कुमारी 14 वर्ष, पार्वती कुमारी 14 वर्ष, परदेशी कुमार 12 वर्ष, शिलधर कुमार 7 वर्ष, उदय कुमार 8 वर्ष, धर्मेन्द्र कुमार 7 वर्ष, शिशु कुमार 6 वर्ष, कुमकुम कुमारी 10 वर्ष, मिसम कुमारी 10 वर्ष, गोविन्द कुमार 13 वर्ष, अभिषेक कुमार 8 वर्ष, आंचल कुमारी 8 वर्ष, रविसा कुमारी 7 वर्ष, मनखुश कुमार 7 वर्ष, किरण कुमारी 9 वर्ष, मनीषा कुमारी 12 वर्ष, खुशबू कुमारी 13 वर्ष, सोनाली कुमारी 10 वर्ष, निशा कुमारी 7 वर्ष गंभीर रूप से आक्रांत हैं.
मधेपुरा: सैंकड़ों बच्चे चेचक की चपेट में, दैवीय प्रकोप मानकर इलाज नहीं करा रहे ग्रामीण मधेपुरा: सैंकड़ों बच्चे चेचक की चपेट में, दैवीय प्रकोप मानकर इलाज नहीं करा रहे ग्रामीण Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 02, 2016 Rating: 5

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