मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के वंशगोपाल पंचायत के भटौनी गांव का करीब 50 परिवार चेचक से पीड़ित हो चुका  है. हालत ये है कि यहाँ बच्चे, बूढ़े और महिला सबों को इस बीमारी नें बीते 3 सप्ताह से अपनी चपेट में ले रखा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग अबतक अंजान बना बैठा है. धीरे- धीरे यह बीमारी उक्त टोले में महामारी का रूप धारण कर चुका  है. पर विडंबना यह है की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों से पूछे जाने पर पता चला कि उन्हें तो ऐसी कोई जानकारी ही नही है. 
वहीं चेचक पीड़ित पूजा देवी, शांति देवी, निशा, काजल, प्रियंका, नेहा, लक्ष्मी, संगीता, राजेन्द्र, विकास, ज्योतिश ,प्रणव, कृष्णा, अभिनव सहित दर्जनों अन्य नें बताया कि उक्त टोले में पहले एक को यह बीमारी हुई फिर देखते ही देखते सभी इसके प्रकोप में आते चले गय.। वहीं इस बाबत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप कुमार का कहना है कि अबतक उक्त टोले में स्वास्थ्य विभाग की टीम न तो पहुंची है और न ही विभाग के द्वारा अबतक कोई पहल ही किया गया है।. दुःख इस बात का है कि वहीं ग्रामीण परिवेश व जानकारी के अभाव में आज भी पीड़ित ग्रामीण इलाज से परहेज कर इसे देवी प्रकोप समझ रहे है.
इस बाबत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार सिन्हा का कहना है की हमें ऐसी कोई जानकारी अबतक नहीं मिली है. हम अपने स्तर से टीम का गठन कर उक्त टोले में भेज रहे है.
संभव है लोगों ने चिकित्सक को इसकी सूचना नहीं दी होगी और इसे 'माता आना' समझ दैवीय प्रकोप समझ रहे हैं, जबकि जिला स्तर पर कई बार लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक भी किया जा चुका है.
वहीं चेचक पीड़ित पूजा देवी, शांति देवी, निशा, काजल, प्रियंका, नेहा, लक्ष्मी, संगीता, राजेन्द्र, विकास, ज्योतिश ,प्रणव, कृष्णा, अभिनव सहित दर्जनों अन्य नें बताया कि उक्त टोले में पहले एक को यह बीमारी हुई फिर देखते ही देखते सभी इसके प्रकोप में आते चले गय.। वहीं इस बाबत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप कुमार का कहना है कि अबतक उक्त टोले में स्वास्थ्य विभाग की टीम न तो पहुंची है और न ही विभाग के द्वारा अबतक कोई पहल ही किया गया है।. दुःख इस बात का है कि वहीं ग्रामीण परिवेश व जानकारी के अभाव में आज भी पीड़ित ग्रामीण इलाज से परहेज कर इसे देवी प्रकोप समझ रहे है.
इस बाबत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार सिन्हा का कहना है की हमें ऐसी कोई जानकारी अबतक नहीं मिली है. हम अपने स्तर से टीम का गठन कर उक्त टोले में भेज रहे है.
संभव है लोगों ने चिकित्सक को इसकी सूचना नहीं दी होगी और इसे 'माता आना' समझ दैवीय प्रकोप समझ रहे हैं, जबकि जिला स्तर पर कई बार लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक भी किया जा चुका है.
चेचक को 'माता' बता समझ रहे दैवीय प्रकोप: दर्जनों आक्रांत, स्वास्थ्य विभाग अनजान
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
March 20, 2016
 
        Rating: 
      
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
March 20, 2016
 
        Rating: 


No comments: