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पर मधेपुरा जिला के गम्हरिया प्रखंड में जीवछपुर पंचायत में काली पूजा मनाने वाले भक्तों के उत्साह में कहीं से कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है. भव्य पंडाल सज चुका है और मूर्ति भी आकर्षक बनी है. भक्तगण की यहाँ बड़ी आस्था है और वे कहते हैं कि हम यहाँ काली पूजा बड़े ही धूमधाम से कई वर्षों से मनाते हैं.
गम्हरिया के जीवछपुर के लोग भी न सिर्फ मिलनसार हैं बल्कि पूजा-पाठ में भी शालीनता बरतते हैं. कहते हैं यहाँ पशुओं की बलि नहीं दी जाती है. जबकि काली पूजा पर जिले और देश के कई स्थानों पर छागर (बकरे) की बलि आम है और कहीं-कहीं तो स्थिति बड़ी ही शर्मनाक है. आस्था का हवाला देकर बड़े पशुओं की बलि भी कई जगहों पर परंपरा बना दी गई है.
खैर जो भी हो, गम्हरिया के जीवछपुर में मनाए जाने वाले कली पूजा के अवसर पर मेला भी लगता है, जो एक शहरी और ग्रामीण मेले का मिश्रण नजर आता है और जिसमें पूरे प्रखंड के श्रद्धालु शिरकत करते देखे जा सकते हैं.
गम्हरिया में काली पूजा में उमड़ती है भीड़: मेले में दीखता है ग्रामीण और शहरी मिश्रण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 10, 2015
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