मधेपुरा प्रशासन को 10 साल के एक बच्चे से खतरा: चुनाव में शान्ति भंग कर सकता है पिंटू!

चौंकिए मत! मधेपुरा प्रशासन को दस वर्ष के पिंटू से खतरा महसूस हो रहा है. राजकीय कमलेश्वरी मध्य विद्यालय, मुरहो, मधेपुरा में छठी कक्षा में पढने वाला पिंटू बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में चुनाव प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है और विशेष पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए मतदाताओं पर दवाब डाल सकता है.  प्रशासन का मानना है कि पिंटू की इस हरकत से चुनाव प्रभावित हो सकता है जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है.
       ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मधेपुरा प्रशासन कह रही है. मधेपुरा के अनुमंडल दंडाधिकारी के कार्यालय से भर्राही थानाक्षेत्र के सुरेन्द्र यादव के दस साल के बेटे पिंटू कुमार को उपर्युक्त बातें लिखकर अप्राथमिकी संख्यां 47/15 के तहत नोटिश भेजा गया है और कहा गया कि वे एसडीएम के न्यायालय में 7 अक्टूबर को उपस्थित होकर कारण पृच्छा दाखिल करें कि क्यों नहीं छ: माह के लिए परिशांति कायम करने के लिए उन्हें 50 हजार के दो जमानतदारों के साथ बांड दाखिल करने का आदेश दे दिया जाय.
       दरअसल इस दस साल के पिंटू को भारतीय कानून की दंड प्रक्रिया संहिता 107 के तहत नोटिश भेजा गया है. ऐसा भले ही जिले में पहली बार हुआ हो कि भूलवश एक दस साल के बच्चे को नोटिश भेज दिया गया हो, पर इससे पहले भी कई ऐसे लोगों को भी 107 का नोटिश भेज दिया गया है जो पूरी तरह से साफ़-सुथरे और चरित्रवान लोग रहे हैं. माना जाता है कि आँख मूँद कर बिना तहकीकात किये 107 की नोटिश भेजे जाने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न होती होती है. उधर पिंटू को भेजे नोटिश में उसे ०७ अक्टूबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है जबकि परिजनों ने बताया कि ये नोटिश उसे आज ही मिला है. जो भी हो, भले ही गलती से ही नोटिश निर्गत हो गया हो, पर तात्कालिक परेशानी तो परिजनों को हो ही रही है और आज दिन भर परिजन नोटिश और इस बच्चे को लेकर मधेपुरा में घुमते नजर आये.
(नि.सं.)
मधेपुरा प्रशासन को 10 साल के एक बच्चे से खतरा: चुनाव में शान्ति भंग कर सकता है पिंटू! मधेपुरा प्रशासन को 10 साल के एक बच्चे से खतरा: चुनाव में शान्ति भंग कर सकता है पिंटू! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 08, 2015 Rating: 5

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