
घटना के बारे में बताया जाता है कि आज दिन में जीवछपुर का कैलाश अपनी भैंस को लेकर परवाने नदी की ओर चराने गया था. घंटों बाद जब उधर से कोई ग्रामीण गुजरा तो उसने देखा कि भैंस किसी दूसरे के खेत में चर रही है और वहां कोई नहीं है. सूचना देने पर कैलाश के पिता और अन्य ग्रामीण जब्कैलाश को खोजने गए तो नदी के किनारे कैलाश के कपड़े पड़े थे और कैलाश का कोई अतापता नहीं था.
सूचना पर गम्हरिया थानाध्यक्ष रविकांत कुमार, गम्हरिया के अंचलाधिकारी ध्रुव कुमार, सिंहेश्वर के अंचलाधिकारी जय जय राम प्रसाद नदी के किनारे पहुंचे और फिर एनडीआरएफ के चार जवानों को बुलाया गया, पर देर शाम तक कैलाश नहीं मिल सका. शाम का अँधेरा छाने लगा तो अब कल तलाश किये जाने की बात कहकर अधिकारी और ग्रामीण वापस हो लिए हैं.
पर अधिकांश लोगों का मानना है कि भैंस को धोते समय कैलाश ने अपने कपडे उतारे होंगे और वह गहरे पानी में डूब गया होगा. सच्चाई का पता कल सुबह लगने की उम्मीद की जा सकती है.
क्या परवाने नदी की भेंट चढ़ गया कैलाश? एनडीआरएफ की मशक्कत का नतीजा आज शून्य
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2015
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