सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता हो सकती है आसान: जानिए कुछ ख़ास तरीके मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष से

कहते हैं ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’. कुछ करने का यदि मन में जज्बा हो तो शायद असंभव कुछ भी नहीं. भारत की सबसे बड़ी मानी जाने वाली संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा ‘सिविल सेवा’ में भी यदि आप जज्बा रखते हुए शिद्दत, लगन और निष्ठा के साथ प्रयास करें तो सफलता का आपकी झोली में गिरना तय है.

ऐसा मानना है मधेपुरा के वर्तमान एसपी कुमार आशीष का जिन्होंने वर्ष 2012 में सिविल सेवा की परीक्षा पास की, जबकि जमुई जिला के सिकंदरा के मूल निवासी कुमार आशीष ऐसे पारिवारिक पृष्ठभूमि से रहे हैं जहाँ समाज पढ़ाई को कोई ख़ास तबज्जो नहीं देते हैं.

    पर ‘अप दीपो भव:’ यानि खुद के लिए दीपक बनो के सिद्धांत पर चलते हुए बड़े भईया संजय कुमार की प्रेरणा से कुमार आशीष न सिर्फ अपने समाज बल्कि वैसे कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने जो अपनी कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते संघर्ष की राह पर हार मान कर बैठ जाते हैं.

    आईपीएस कुमार आशीष से मधेपुरा टाइम्स ने कोसी जैसे शैक्षणिक रूप से पिछड़े इलाके के छात्रों के लिए सफलता आसान बनाने के कुछ गुर जानना चाहा ताकि यहाँ के छात्र भी सिविल सेवा की परीक्षा आसानी से पास कर इलाके का नाम रोशन कर सकें तो उनकी बताई कई बातें अत्यंत ही महत्वपूर्ण थी जो निश्चय ही इस इलाके के छात्रों को न सिर्फ सिविल सेवा बल्कि हर क्षेत्र में बेहतर करने को प्रेरित करने वाली है.

अंग्रेजी मजबूत करें: कुमार आशीष अनुभव करते हैं कि किसी भी पिछड़े इलाके के छात्रों की अंग्रेजी अपेक्षाकृत कमजोर रहती है जो ऐसी बड़ी परीक्षाओं में सफलता में बाधक हो सकती है. अंग्रेजी भाषा मजबूत करने की सलाह देते हुए वे बताते हैं कि इंगलिश में डायरी लिखें और सप्ताह में उसे फिर से पढ़कर खुद से शुद्ध करें. डायरी में आप किसी व्यक्ति के बारे में या उससे मिलकर आपको कैसा एहसास हुआ आदि लिख सकते हैं.

सामान्य ज्ञान हमेशा अपडेट रखें: कुमार आशीष कहते हैं कि वर्तमान में सामान्य अध्ययन के चार पेपर की बेहतर तैयारी के लिए आसपास की घटनाओं पर हमेशा नजर रखनी होगी. समाचार पत्र में द हिन्दू, इंडियन एक्सप्रेस या राष्ट्रीय स्तर के किसी अच्छे समाचारपत्र को पढ़ा जा सकता है. उसमें से फ़िल्टर  कर काम की चीजें लें और उसपर आत्ममंथन भी करें.
    मैगजीन में सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल, स्पेक्ट्रम सीरीज की किताबें काफी उपयोगी साबित हो सकती हैं.

विषयों के चयन में सावधानी
:  सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए सही विषयों का चयन अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है. वैसे तो ग्रैजुएशन में रखे विषय को सिविल सेवा के लिए भी चुनना लाभदायक हो सकता है, पर जेएनयू से फ्रेंच भाषा में ग्रैजुएशन, मास्टर डिग्री, एम.फिल किये और पीएचडी कर रहे कुमार आशीष कहते हैं कि विषयों का चयन आपकी इच्छाशक्ति पर निर्भर होना चाहिए कि किन विषयों की तैयारी आप बेहतर तरीके से कर सकते हैं. लिटरेचर पेपर रखना स्कोरिंग में महत्वपूर्ण हो सकता है.


तैयारी शुरू करने के समय का इन्तजार न करें, अभी से शुरू कर दें
: सिविल सेवा के लिए तैयारी कब से शुरू करें, अक्सर इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग सुनने को मिलती है, पर उन सबसे अलग मधेपुरा एसपी कहते हैं कि जैसे ही दिमाग में सिविल सेवा का लक्ष्य उभरे, तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. वे कहते हैं समय को कभी न गंवाएं, 24 घंटे ही हर किसी को मिलते हैं. कोई इन 24 घंटे का सही उपयोग नहीं कर पाता है और कोई इन्ही 24 घंटों का सदुपयोग कर संघर्ष से बन जाता है दूसरों के लिए प्रेरणा.


   आईपीएस कुमार आशीष को सुनें इस वीडियो में, क्या कहा उन्होंने कोसी के छात्रों के लिए. यहाँ क्लिक करें.
सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता हो सकती है आसान: जानिए कुछ ख़ास तरीके मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष से सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता हो सकती है आसान: जानिए कुछ ख़ास तरीके मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष से Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 28, 2015 Rating: 5
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