“परमात्मा को देखने के लिए हमें उसमें लीन होना पड़ेगा”: स्वामी गुरू नंदन जी महाराज

हमारे कर्म में ही परमात्मा का वास है. अच्छे कर्म  हमें  परमात्मा को  पहचानने की क्षमता  प्रदान  करता है.  परमात्मा  सभी  जगह  है. परमात्मा  हमारे  ही  अंदर  है  पर हम  उसे  देख  नही  पाते हैं.  उसे  देखने के लिए  हमें परमात्मा  में  लीन  होना  पडेगा. जैसे  जल में  खडा होकर भी  धोबी  घाट पर  प्यासा रहता है, उसी  तरह  परमात्मा  भी  हमारे  अंदर ही है  लेकिन  हम उसे  अपनी  नादानियों के  कारण  समझ  नहीं  पाते हैं.
    ये  बातें महर्षि  मेही  आश्रम  कुप्पा  घाट  से  आये स्वामी  गुरू  नंदन जी  महाराज ने   मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर स्थित श्री  राम  जानकी मंदिर  (ठाकुरबाड़ी) मे चल रहे  श्री  मद भागवत कथा  सप्ताह  ज्ञान  यज्ञ में  कही. इस  सतसंग  कथा  का  आयोजन  पिछले  28 जून से  चल रहा है जिसका  समापन  आज  हुआ.
“परमात्मा को देखने के लिए हमें उसमें लीन होना पड़ेगा”: स्वामी गुरू नंदन जी महाराज “परमात्मा को देखने के लिए हमें उसमें लीन होना पड़ेगा”: स्वामी गुरू  नंदन जी  महाराज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 04, 2015 Rating: 5

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