बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री, मंत्री, विधायकों और
अधिकारियों से मोबाइल पर रंगदारी मांगने वाले पुलिस के हत्थे चढ गए हैं. इसे
मधेपुरा पुलिस की बड़ी सफलता कही जा सकती है कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद दो
दिनों के ही अंदर पूरे मामले का उद्भेदन कर दिया और मास्टर माइंड समेत कुल तीन को
सबूत के साथ धर दबोचा. इसके साथ ही पूरे बिहार में दहशत फैलाने वाले इस कांड का
पटाक्षेप माना जा सकता है.
गिरफ्तार
किये गए दो अपराधी मास्टर माइंड असगर अली और दूसरा कॉल कर रंगदारी मांगने वाला
निरंजन कुमार भगत को मधेपुरा एसपी आशीष भारती के वेश्म में मीडिया के सामने
प्रस्तुत करते हुए कोसी रेंज के डीआईजी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने पूरे मामले की
जानकारी विस्तार से दी. गिरफ्तार अपराधी इस पूरे मामले का मास्टर माइंड असगर अली
और दूसरा कॉल कर रंगदारी मांगने वाला निरंजन कुमार भगत है, जबकि तीसरा सिम
विक्रेता संतोष कुमार है. सभी मधेपुरा जिला के आलमनगर थाना के मधेली बाजार के रहने
वाले हैं. असगर अली एक मुस्लिम संगठन और ऑटो एशोसिएशन से जुड़े हुए बताये जाते हैं,
जबकि कॉल करने वाला मुख्य आरोपी निरंजन कुमार भगत नियोजित शिक्षक है और चुनाव
कार्य में बीएलओ रहने के कारण उसे वोटर आईडी आदि की ज्यादा जानकारी थी. डीआईजी ने
इस हाई-प्रोफाइल हो चुके मामले के उद्भेदन के लिए मधेपुरा एसपी आशीष भारती को खास
श्रेय देते हुए बताया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, सरकार की
मंत्री बीमा भारती, मधेपुरा विधायक प्रो० चंद्रशेखर, छातापुर विधायक नीरज कुमार
बबलू, त्रिवेणीगंज विधायक अमला देवी, मधेपुरा तथा मुरलीगंज के अंचलाधिकारी समेत
राज्य के करीब 40 अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों तथा कई अन्य से रंगदारी मांगने
वाले इन दोनों के पास से कई सिम मिले हैं, जिनका प्रयोग इस अपराध में किया गया है.
हैरत की बात तो ये है कि सारे सिम इन अपराधियों ने नकली वोटर आईडी के आधार पर अपने
विरोधियों के नाम से लिए थे ताकि ये एक तीर से दो शिकार कर सकें. रंगदारी मिले तो
वाह-वाह और पकडे जाएँ तो दुश्मन. निरंजन पर जहाँ पहले भी मुक़दमे हैं वहीं असगर अली
भी कई संगीन अपराधों में शामिल था और हाल में रंगदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क
जाम और आंदोलन करने वाला भेड़ की खाल में छुपा भेड़िया था.
जानकारी
के अनुसार मधेपुरा एसपी आशीष भारती की बनाई रणनीति के अनुसार पुलिस टीम में
उदाकिशुनगंज एसडीपीओ रहमत अली, मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार, अनि रविन्द्र कुमार
सिंह, आलमनगर थानाध्यक्ष राजेश कुमार, एसपी कार्यालय के अमर कुमार सिंह, भवानीपुर
(पूर्णियां) के थानाध्यक्ष अमित कुमार आदि ने कड़ी मेहनत के बाद पूरे मामले को महज
48 घंटे में सुलझा लिया. बाते जाता है कि पुलिस टीम ने कई जगह सादी वर्दी में रहकर
काम किये.
सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार जिस मोबाइल, सिम तथा जुड़े कागजात का प्रयोग किया जा रहा
था उसे इन शातिर अपराधियों ने मधेपुरा जिला के मिठाई के पास प्लास्टिक में रखकर
जमीन में गाड़ दिया था, पर क्राइम स्टोरी में कहा जाता है कि अपराधी कितना भी शातिर
क्यों न हो, कोई न कोई सबूत छोड़ ही जाता है. (क्रमश:)
वीडीओ में
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पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक तथा अधिकारियों से रंगदारी मांगने वाला गिरफ्तार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 09, 2015
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